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राहुल गांधी के साथ यात्रा में अखिलेश, जयंत चौधरी नहीं शामिल होंगे 

राहुल गांधी के साथ यात्रा में अखिलेश, जयंत चौधरी नहीं शामिल होंगे 

यूपी में गैर बीजेपी दलों को भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होने का न्यौता कांग्रेस ने भेजा था। लेकिन सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव, रालोद प्रमुख जयंत चौधरी की पार्टी से कहा गया है ये नेता यात्रा में शामिल नहीं होंगे। लेकिन सपा ने खुलकर यात्रा का समर्थन किया है। क्या है पूरा घटनाक्रम, पढ़िएः

भारत जोड़ो यात्रा 3 जनवरी को दिल्ली से लोनी के रास्ते यूपी में प्रवेश करेगी। लेकिन सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और राष्ट्रीय लोकदल अध्यक्ष जयंत चौधरी ने यह पुष्टि कर दी है कि दोनों नेता अति व्यस्त होने के कारण शामिल नहीं होंगे। लेकिन दोनों नेताओं ने राहुल गांधी को अपनी शुभकामनाएं दी हैं। अभी तक बीएसपी या मायावती की ओर से कोई बयान नहीं आया है। लेकिन कांग्रेस को लेकर मायावती के रुख को देखते हुए उनका आना भी मुश्किल है।

न्यूज एजेंसी की खबरों के मुताबिक रालोद के राष्ट्रीय संयोजक अनुपम मिश्र ने कहा, हमें कांग्रेस पार्टी से निमंत्रण मिला है, लेकिन पार्टी अध्यक्ष जयंत चौधरी अन्य कार्यक्रमों में व्यस्त होने के कारण कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होना संभव नहीं है। हालांकि, हम राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा की सफलता की कामना करते हैं।

सपा के एक नेता के अनुसार, समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के यात्रा में भाग लेने की कोई संभावना नहीं है। सपा के राष्ट्रीय सचिव और प्रदेश प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने कहा, समाजवादी पार्टी और उसके राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव पहले से ही सरकार के खिलाफ संघर्ष की राह पर हैं। सपा अध्यक्ष अपने कार्यक्रमों में व्यस्त हैं और उनके यात्रा में शामिल होने की कोई संभावना नहीं है।

बहरहाल, भारत जोड़ो यात्रा को सपा की ओर से स्पष्ट समर्थन मिल रहा है। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव प्रोफेसर रामगोपाल यादव ने कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा को लेकर केंद्र सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि देश में कोविड-19 नहीं है, लेकिन केंद्र सरकार कोविड-19 के नाम पर यात्रा को रोकने की कोशिश कर रही है।

रालोद अध्यक्ष जयंत चौधरी का भारत जोड़ो यात्रा में शामिल न होना जरूर हैरान करने वाला है। क्योंकि जयंत चौधरी के गांधी परिवार से सीधे रिश्ते हैं। राहुल और प्रियंका के संपर्क में भी जयंत रहते हैं। लेकिन समझा जाता है कि सपा से गठबंधन की वजह से और अखिलेश के न जाने की वजह से जयंत चौधरी भी पीछे हटे हैं। जयंत ने जरूर अखिलेश से सलाह मांगी होगी। अखिलेश ने खुद की स्थिति बताई होगी। उसके बाद ही दोनों पीछे हटे हैं।

सपा और रालोद के नेताओं का शामिल न होने को 2024 आम चुनाव से जोड़कर देखा जा सकता है। 2024 को लेकर अभी तक विपक्षी एकजुटता की तस्वीर साफ नहीं है। यूपी में सपा और रालोद प्रमुख दल हैं। अगर विपक्षी एकता होती है तो इन दोनों की भूमिका भी आम चुनाव में तय होनी है, सीटों का बंटवारा है। यह सारी स्थिति अभी साफ नहीं है। उससे पहले दोनों ही दल कांग्रेस को किसी प्रकार का संकेत नहीं देना चाहते।

कांग्रेस ने यात्रा के 3 जनवरी को गाजियाबाद में प्रवेश करने के मौके पर गैर-बीजेपी दलों के कई नेताओं को आमंत्रित किया है। गाजियाबाद से यह यात्रा बागपत और शामली से होते हुए हरियाणा में प्रवेश करेगी।

अखिलेश यादव, मायावती और जयंत चौधरी के अलावा, सपा विधायक शिवपाल सिंह यादव, बीएसपी महासचिव सतीश मिश्रा, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के प्रमुख ओमप्रकाश राजभर और सीपीआई के सचिव अतुल अंजान को निमंत्रण भेजा गया है।

यात्रा के यूपी कोऑर्डिनेटर और पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद ने कहा है कि भारत जोड़ो यात्रा किसी एक पार्टी की नहीं बल्कि पूरे देश की है और विभिन्न दलों के नेताओं को इसमें शामिल होने के लिए आमंत्रित किया जाएगा।

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा, जिन्होंने इस साल की शुरुआत में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में पार्टी के अभियान का नेतृत्व किया था, तीनों दिन राज्य में यात्रा में शामिल होंगी।

कन्याकुमारी-से-कश्मीर यात्रा, जो अब तक 10 राज्यों से होते हुए 2,800 किलोमीटर से अधिक की यात्रा कर चुकी है, नौ दिनों के शीतकालीन अवकाश पर है और 3 जनवरी को फिर से शुरू होगी। यह 7 सितंबर को तमिलनाडु में कन्याकुमारी से शुरू हुई और फरवरी 2023 में श्रीनगर में खत्म होगी।

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