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अजीत पवार को मनाने की कोशिशें तेज, ख़ुद जुटे शरद पवार

अजीत पवार को मनाने की कोशिशें तेज, ख़ुद जुटे शरद पवार

महाराष्ट्र की सियासत में चल रहे घमासान में सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले के बाद एनसीपी के बाग़ी नेता अजीत पवार को मनाने की कोशिशें तेज हो गई हैं।

महाराष्ट्र की सियासत में चल रहे घमासान में सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले के बाद एनसीपी के बाग़ी नेता अजीत पवार को मनाने की कोशिशें तेज हो गई हैं। बताया जा रहा है कि एनसीपी प्रमुख और अजीत पवार के चाचा शरद पवार किसी गुप्त स्थान पर उनसे मिलने गए हैं। इस दौरान एनसीपी की वरिष्ठ नेता सुप्रिया सुले और छगन भुजबल भी शरद पवार के साथ मौजूद हैं। न्यूज़ चैनल आज तक के मुताबिक़, एनसीपी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रफुल पटेल ने कहा है कि पार्टी नेताओं ने अजीत पवार से मुलाक़ात की है और अजीत पवार ने कहा है कि वह उप मुख्यमंत्री पद से इस्तीफ़ा देने के बारे में जल्द फ़ैसला करेंगे। 

राजनीतिक घमासान के बीच सवाल यह उठ रहा है कि क्या बाग़ी नेता अजीत पवार पार्टी में वापस लौट सकते हैं। कुछ दिन पहले ही एनसीपी के विधायक दिलीप वलसे पाटिल अजीत पवार से मिले थे और उन्हें पार्टी में लौटने के बारे में समझाया था। इसके अलावा विधायक दल के नेता जयंत पाटिल ने भी उन्हें समझाने की कोशिश की है। अजीत पवार की मुश्किलें इससे भी बढ़ गई हैं क्योंकि पहले कहा जा रहा था कि उनके साथ 22 विधायक हैं लेकिन ताज़ा राजनीतिक हालात को देखकर लगता है कि अजीत के साथ एनसीपी का 1 भी विधायक नहीं है। 

अजीत ने दे दिया था इस्तीफ़ा

अजीत पवार के उप मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद यह बात सामने आई थी कि वह काफ़ी समय से अपनी पार्टी से नाराज चल रहे थे। विधानसभा चुनाव से पहले उन्होंने विधायक के पद से इस्तीफ़ा दे दिया था। तब कुछ लोगों ने इसे पवार परिवार की सियासी कलह का नतीजा बताया था तो कुछ ने कहा था कि पार्टी उन्हें मुख्यमंत्री पद के रूप में प्रोजेक्ट नहीं कर रही थी, इसलिए वह नाराज थे। लेकिन तब उस प्रकरण को शरद पवार ने बड़ी तत्परता से साधा था और कुछ घंटों बाद अजीत पवार यह कहते हुए मीडिया के समक्ष आ गए थे कि उन्हें इस बात का दुःख हुआ है कि शरद पवार का नाम महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक घोटाले से जोड़ा जा रहा है।

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