महाराष्ट्र: चाचा शरद पवार से मिले अजीत पवार
महाराष्ट्र में चार दिनों तक चले जोरदार सियासी ड्रामे के अहम किरदार राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के बाग़ी नेता अजीत पवार ने मंगलवार रात को अपने चाचा और पार्टी के प्रमुख शरद पवार से उनके आवास सिल्वर ओक पर मुलाक़ात की। मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट का फ़ैसला आने के बाद ही अजीत पवार को मनाने की कोशिशें तेज हो गई थीं। शरद पवार ने उनसे मुलाक़ात की थी और इस दौरान उनकी बेटी सुप्रिया सुले और वरिष्ठ नेता छगन भुजबल भी मौजूद रहे थे। तभी से यह अटकलें लग रही थीं कि अजीत पवार वापस लौटेंगे और थोड़ी ही देर बाद उन्होंने उप मुख्यमंत्री पद से इस्तीफ़ा दे दिया था और फिर मंगलवार रात को वह शरद पवार से मिलने पहुंच गए।
Mumbai: Ajit Pawar arrives at Silver Oak, the residence of NCP Chief Sharad Pawar. #Maharashtra pic.twitter.com/ELMe4tHtLD
— ANI (@ANI) November 26, 2019
अजीत पवार को मनाने के लिए मंगलवार सुबह से ही सुप्रिया सुले के पति सदानंद सुले उनके साथ ट्राईडेंट होटल में थे। अजीत पवार को मनाने की कोशिशें पिछले दो दिनों से चल रही थीं और उसमें एक बात यह निकल कर आयी थी कि एक बार शरद पवार और सुप्रिया सुले की मीटिंग अजीत पवार से करा दी जाए। यह काम सदानंद सुले ने किया। उन्होंने शरद पवार की पत्नी प्रतिभा पवार से अजीत पवार की मुलाक़ात कराई। बताया जाता है कि प्रतिभा पवार की किसी भी बात को अजीत पवार नहीं टालते हैं और उनका विशेष सम्मान करते हैं।
राजनीति से संन्यास की रखी थी शर्त
प्रतिभा पवार से मीटिंग होने के बाद अजीत पवार ने एक शर्त रखी थी कि वह वापस आयेंगे लेकिन सक्रिय राजनीति से संन्यास ले लेंगे। इस शर्त के बाद शरद पवार और सुप्रिया सुले उनसे मिले और इस फ़ैसले को अंतिम रूप दिया और थोड़ी देर बाद अजीत पवार ने उप मुख्यमंत्री पद से इस्तीफ़ा दे दिया।
ट्राईडेंट होटल में एनसीपी नेताओं से मुलाक़ात के बाद अजित पवार, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मिलने उनके सरकारी आवास वर्षा गए और वहां अपना इस्तीफ़ा फडणवीस को सौंप दिया था। एनसीपी नेताओं और देवेंद्र फडणवीस से मुलाक़ात के बाद अजित पवार अपने भाई श्रीनिवास पवार के घर आ गए थे।
परिवार को एकजुट रखेंगे शरद पवार
सवाल उठ रहा था कि क्या शरद पवार अजीत को पार्टी से बाहर निकाल देंगे। इसे लेकर मीडिया उनसे सवाल भी कर रहा था। लेकिन शरद पवार ने उन्हें सिर्फ़ विधायक दल के नेता के पद से हटाया, पार्टी से नहीं निकाला। शरद पवार की ओर से अजीत को मनाने की कोशिशें जारी रहीं। एनसीपी के विधायक दिलीप वलसे पाटिल से लेकर विधायक दल के नेता जयंत पाटिल ने अजीत पवार से मुलाक़ात कर उन्हें समझाने की कोशिश की थी। यह कहा जा रहा था कि शरद पवार परिवार में फूट नहीं पड़ने देंगे।
अजीत पवार के उप मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद यह बात सामने आई थी कि वह काफ़ी समय से अपनी पार्टी से नाराज चल रहे थे। विधानसभा चुनाव से पहले उन्होंने विधायक के पद से इस्तीफ़ा दे दिया था। तब कुछ लोगों ने इसे पवार परिवार की सियासी कलह का नतीजा बताया था तो कुछ ने कहा था कि पार्टी उन्हें मुख्यमंत्री पद के रूप में प्रोजेक्ट नहीं कर रही थी, इसलिए वह नाराज थे। लेकिन तब उस प्रकरण को शरद पवार ने बड़ी तत्परता से साधा था और कुछ घंटों बाद अजीत पवार यह कहते हुए मीडिया के समक्ष आ गए थे कि उन्हें इस बात का दुःख हुआ है कि शरद पवार का नाम महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक घोटाले से जोड़ा जा रहा है।