शाह ने डोभाल के साथ की बैठक, जम्मू-कश्मीर पर हुई चर्चा
जम्मू-कश्मीर के हालात पर केंद्र सरकार की नज़र बनी हुई है। सोमवार दोपहर को गृह मंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने बैठक कर राज्य के ताज़ा हालात पर चर्चा की है। बता दें कि अजित डोभाल अनुच्छेद 370 को हटाये जाने के बाद से ही जम्मू-कश्मीर में थे। डोभाल दो दिन पहले से ही दिल्ली लौटे हैं। बताया जा रहा है कि बैठक में शाह और डोभाल के अलावा गृह सचिव और मंत्रालय के अन्य बड़े अधिकारी शामिल रहे।
Delhi: National Security Advisor (NSA) Ajit Doval leaves the Home Ministry after attending a meeting chaired by Home Minister Amit Shah. Home Secretary Rajiv Gauba & senior intelligence officials also attended the meeting. pic.twitter.com/nrWHgV4yVq
— ANI (@ANI) August 19, 2019
ग़ौरतलब है कि दो हफ़्ते बाद सोमवार को घाटी में स्कूल-कॉलेज खुले हैं।
Jammu & Kashmir: Schools re-open in RAJOURI district today. pic.twitter.com/l0bnshkDUi
— ANI (@ANI) August 19, 2019
उधर, यह भी ख़बर आई है कि जम्मू-कश्मीर में इंटरनेट बंद होने के दौरान अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी ने कुछ ट्वीट किए थे, इस मामले में बीएसएनएल के दो अधिकारियों के ख़िलाफ़ कार्रवाई की गई है।
इससे पहले शनिवार को कश्मीर घाटी में कुछ जगहों पर लैंडलाइन फ़ोन सेवाओं को बहाल कर दिया गया था। साथ ही जम्मू के सांबा, कठुआ, रियासी, उधमपुर में 2 जी स्पीड के साथ इंटरनेट सेवाओं को भी बहाल कर दिया गया था। अनुच्छेद 370 को हटाये जाने की प्रक्रिया शुरू करने के बाद केंद्र सरकार ने 5 अगस्त को टेलीफ़ोन सेवा बंद कर दी थी। लेकिन अफवाहों को रोकने के लिए रविवार को एक बार फिर इन जगहों में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई थीं। यह फ़ैसला अफवाहों से बचने और इलाके में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए लिया गया है।
जम्मू-कश्मीर के गृह विभाग की ओर से सोमवार सुबह एक बयान जारी कर बताया गया है कि यह अफवाह फैलाई जा रही है कि जम्मू-कश्मीर पुलिस के हथियार जब्त किए जा रहे हैं, लेकिन ये अफवाह गलत है। गृह विभाग ने अपील की है कि इस तरह की अफ़वाहों पर भरोसा ना करें।
A fake news is being spread that weapons of special police officers of J&K police are being seized. This is purely a rumour being spread by vested interests. It is categorically denied : Shaleen Kabra, Home Secretary, J&K.
— DIPR-J&K (@diprjk) August 19, 2019
अनुच्छेद 370 को हटाये जाने की प्रक्रिया को शुरू करने और जम्मू-कश्मीर को दो भागों में बाँटने के फ़ैसले के पहले ही राज्य में बड़ी संख्या में जवानों को तैनात कर दिया गया था।
बता दें कि कश्मीर के मसले पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में चर्चा हुई थी। लेकिन भारत ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाये जाने के अपने फ़ैसले को सही बताते हुए पुरजोर ढंग से कहा था कि यह उसका आतंरिक मामला है और इससे बाहरी लोगों का कोई लेना-देना नहीं है। भारत ने पाकिस्तान को इस बात के लिए डाँट लगाई थी कि वह उसके आतंरिक मामलों में दखल दे रहा है और दुनिया को इस मुद्दे पर गुमराह कर रहा है।
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने कहा था, ‘हमारी राष्ट्रीय स्थिति यही थी और यही रहेगी कि भारतीय संविधान का अनुच्छेद 370 पूरी तरह से भारत का आंतरिक मामला है।’
जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाये जाने के बाद से ही पाकिस्तान बौखलाया हुआ है और अनाप-शनाप बयानबाज़ी कर रहा है। वह कई देशों के सामने इस मुद्दे को उठा चुका है लेकिन लगभग सभी देशों ने इस पर उसे किसी तरह की मदद देने से इनकार कर दिया है। जानकारों के मुताबिक़, पाकिस्तान दुनिया भर का ध्यान कश्मीर की ओर खींचने के लिए बेताब है। क्योंकि इस मुद्दे पर उसे अमेरिका के साथ ही मुसलिम देशों से भी कोई मदद नहीं मिली है। इसलिए वह आतंकवादी हमलों की अपनी पुरानी रणनीति पर काम कर सकता है। बता दें कि पाकिस्तान में बैठे आतंकवादी संगठन एक लंबे अरसे से कश्मीर में लोगों को भारत के ख़िलाफ़ भड़काने के काम में जुटे हुए हैं।