लखीमपुर खीरी मामले में मुख्य अभियुक्त आशीष मिश्रा के पिता और केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी की बर्खास्तगी को लेकर विपक्ष ने सरकार पर दबाव बढ़ा दिया है। पत्रकारों से बदसलूकी करने के बाद बुधवार शाम को ही टेनी को दिल्ली तलब कर लिया गया और यहां उनकी बीजेपी के बड़े नेताओं के सामने पेशी होने की चर्चा है।
एसआईटी की रिपोर्ट आने के बाद से ही टेनी की बर्खास्तगी को लेकर बीजेपी और मोदी सरकार जबरदस्त दबाव में है और अब टेनी के पत्रकारों से बदसलूकी करने की वजह से इनकी मुश्किलों में इजाफा हुआ है।
टेनी की बर्खास्तगी की मांग कोई नई नहीं है। लखीमपुर खीरी मामले के बाद से ही विपक्ष खासकर कांग्रेस ने टेनी की बर्खास्तगी की मांग को पुरजोर ढंग से बुलंद किया था।
किसान भी इस मांग को लेकर काफी मुखर थे। लेकिन केंद्र सरकार पूरे मामले को सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन होने की बात कहकर टालती रही है।
टेनी को लखीमपुर खीरी इलाक़े में दबंग नेता माना जाता है। बीजेपी को इस बात का डर है कि विधानसभा चुनाव से ठीक पहले टेनी का इस्तीफ़ा लेने से ब्राह्मण मतदाता नाराज़ हो सकते हैं। लेकिन लोकसभा में जिस तरह राहुल गांधी और कुछ और विपक्षी सांसदों ने इस मांग को उठाया है, उससे सरकार भी दबाव में आ गई है।
उत्तर प्रदेश में बीजेपी इस बार कड़े मुक़ाबले में फंसी है। उसे सपा की ओर से जोरदार चुनौती मिल रही है। ऐसे में टेनी का इस्तीफ़ा लेने से क्या कहीं कोई सियासी डैमेज हो सकता है, इस बात का आकलन भी बीजेपी हाईकमान कर रहा है।
लेकिन इतना तय है कि आने वाले कुछ दिनों तक टेनी की बर्खास्तगी उत्तर प्रदेश में एक बड़ा मुद्दा रहेगा।