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पढ़ें, गीतिका शर्मा ने अपने सुसाइड नोट में क्या कहा था कांडा के बारे में

पढ़ें, गीतिका शर्मा ने अपने सुसाइड नोट में क्या कहा था कांडा के बारे में

एअर होस्टेस गीतिका शर्मा ने उन्हें आत्महत्या करने के लिए मजबूर करने का आरोप गोपाल कांडा पर लगाया था। क्या लिखा था सुसाइड नोट में?

एमडीएलआर एअरलाइन्स की एअर होस्टेस गीतिका शर्मा ने साल 2012 में ख़ुदकुशी करने के पहले एक सुसाइड नोट लिख छोड़ा था, जिसमें उन्होंने एअरलाइन्स के मालिक गोपाल गोयल कांडा पर गंभीर आरोप लगाए थे। कांडा उस समय हरियाणा के भूपिंदर सिंह सरकार में मंत्री थे। 

यह वही कांडा हैं, जो हरियाणा लोकहित पार्टी के टिकट पर इस बार के हरियाणा विधानसभा चुनाव में सिरसा से विधायक चुने गए हैं। भारतीय जनता पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष जे. पी. नड्डा ने चुनाव नतीजा आने के कुछ देर बाद ही कांडा से मुलाक़ात की। बीजेपी ने कांडा से समर्थन माँगा और वह उसे समर्थन देने को राजी हो गए हैं।

क्या लिखा था सुसाइ़ड नोट में?

गीतिका ने यह आरोप लगाया था कि कांडा ने उनका और उनके परिवार का बार-बार शोषण किया था। 

उन्होंने साफ़ कहा था कि कांडा ने उन्हें आत्महत्या करने पर मजबूर किया था। उन दोनों के बीच ऐसा कुछ था, जिसकी वजह से वह अपनी जान देने को बाध्य हैं, उन्होंने यह लिखा था। 

 - Satya Hindi

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गीतिका ने लिखा था : 

मैं अपना जीवन ख़त्म कर रही हूँ, क्योंकि मैं अंदर से टूट चुकी हूँ। मेरा विश्वास तोड़ा गया और मुझे छला गया। अरुणा चड्ढा और गोपाल गोयल कांडा इसके लिए ज़िम्मेदार हैं।


गीतिका शर्मा, मृतिका एअर होस्टेस, एमडीएलआर एअरलाइन्स

दो पेज के इस सुसाइड नोट में इस एअर होस्टेस ने कई बार यह कहा था कि उन्हें गोपाल कांडा ने छला, उनका विश्वास तोड़ा और उन्हें बर्बाद कर दिया, अब वह उनके परिवार को भी नष्ट करने पर तुले हुए हैं। उन्होंने कहा : 

वह (गोपाल कांडा) धोखेबाज है, इन दोनों (कांडा और अरुणा चड्ढा) को अपने किए के लिए और मेरे परिवार के प्रति बुरी मंशा रखने के लिए सज़ा मिलनी ही चाहिए।


गीतिका शर्मा, मृतिका एअर होस्टेस, एमडीएलआर एअरलाइन्स

गीतिका शर्मा ने लिखा, 'गोपाल कांडा धोखेबाज है। लड़कियों के प्रति उसकी मंशा हमेशा बुरी ही रहती है। वह ऐसा आदमी है, जिसे कोई शर्म नहीं है, न ही अपराध बोध है।' 

शर्मा ने सुसाइड नोट में गोपाल कांडा की ऐय्याशियों के बारे में विस्तार से बताया और लिखा कि किस तरह कई लड़कियों के साथ उसके नाज़ायज रिश्ते थे और एक से उसकी एक बेटी भी थी। 

गीतिका ने कांडा की सहयोगी अरुणा चड्ढा के बारे में लिखा था, 'मुझे आहत करने, परेशान करने और मेरे परिवार को बर्बाद करने में अरुणा ने गोपाल कांडा की मदद की है। वह मेरी शुभचिंतक बनने की बात करती थी, पर उसने अंत में अपना असली चेहरा दिखा ही दिया।'

गीतिका शर्मा ने लिखा, 'मेरी सबसे बड़ी ग़लती यह थी कि मैंन इन दोनों पर भरोसा किया था, मैं उन्हें कभी माफ़ नहीं करूँगी। ये वे लोग हैं, जिन्होंने मुझे मेरी माँ, पिता और भाई से अलग कर लिया। मैं इन दोनों से नफ़रत करती हूँ।' 

गीतिका ने 5 अगस्त 2012 को ख़ुदकुशी की थी। उनका शव अशोक विहार स्थित घर पर पंखे से लटका हुआ पाया गया था। हरियाणा के पूर्व मंत्री गोपाल कांडा के ख़िलाफ़ अदालत ने ग़ैर-ज़मानती वारंट जारी किया था और सह-अभियुक्त अरुणा चड्ढा को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था।

कांडा ने खुद पर लगे आरोपों को ग़लत बताया था और वह लगभग 10 दिन तक अंडरग्राउंड रहे थे। इसके बाद उन्होंने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था। वह लगभग 18 महीने जेल में बंद रहे थे। जेल से निकलने के बाद उन्होंने अपने भाई के साथ मिल कर हरियाणा लोकहित पार्टी की स्थापना की थी और चुनाव लड़े थे। इस बार भी उन्होंने इसी दल से सिरसा से चुनाव लड़ा और जीत भी गए। 

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