असदुद्दीन ओवैसी के भाई अकबरुद्दीन 'नफ़रती भाषण' के दो मामलों में बरी
एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के छोटे भाई अकबरुद्दीन ओवैसी को क़रीब एक दशक पुराने नफ़रती भाषण के दो आपराधिक मामलों में बरी कर दिया गया है। असदुद्दीन ओवैसी ने आज एक ट्वीट में यह दावा किया।
उन्होंने ट्वीट किया, 'अल्हम्दुलिल्लाह अकबरुद्दीन ओवैसी को सांसद/विधायक विशेष अदालत ने उनके ख़िलाफ़ कथित नफ़रत भरे भाषणों के लिए दो आपराधिक मामलों में बरी कर दिया है। सभी की प्रार्थनाओं और समर्थन के लिए आभारी हूँ। एडवोकेट अब्दुल अज़ीम और वरिष्ठ वकीलों को विशेष धन्यवाद जिन्होंने अपनी बहुमूल्य सहायता दी।'
Alhamdulilah Akbaruddin Owaisi has been acquitted by MP/MLA Special Court in two criminal cases against him for alleged hate speeches. Grateful to all for their prayers & support. Special thanks to Advocate Abdul Azeem sb & senior lawyers who provided their valuable assistance
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) April 13, 2022
तेलंगाना विधानसभा में एआईएमआईएम के फ्लोर लीडर अकबरुद्दीन ओवैसी दिसंबर 2012 में तेलंगाना के निज़ामाबाद और निर्मल शहर में दिए गए अपने कथित नफरत भरे भाषणों के लिए मुक़दमों का सामना कर रहे थे। हैदराबाद में नामपल्ली मेट्रोपॉलिटन कोर्ट में एमपी/एमएलए के लिए विशेष सत्र अदालत ने इन मामलों में सुनवाई की। उन्होंने कहा कि अभियोजन मामले में पर्याप्त सबूत पेश करने में विफल रहा।
अकबरुद्दीन ओवैसी के ख़िलाफ़ 8 दिसंबर, 2012 को निज़ामाबाद में और 22 दिसंबर, 2012 को निर्मल शहर में उनके द्वारा दिए गए कथित नफरत भरे भाषणों के लिए कई मामले दर्ज किए गए थे। इन मामलों में उन्हें गिरफ्तार भी किया गया था और बाद में जमानत पर रिहा कर दिया गया था।
अपराध जांच विभाग यानी सीआईडी ने निज़ामाबाद मामले की जांच की और 2016 में आरोप पत्र दायर किया, जबकि निर्मल शहर मामले की जाँच करने वाली जिला पुलिस ने भी उसी वर्ष आरोप पत्र जमा किया।
एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार निज़ामाबाद मामले में कुल 41 गवाहों से पूछताछ की गई जबकि निर्मल शहर मामले में 33 लोगों से पूछताछ की गई।
बता दें कि अकबरुद्दीन अक्सर विवादास्पद बयानों के लिए सुर्खियों में रहे हैं। उनके ख़िलाफ़ कई बार नफ़रती भाषण देने के आरोप लगे। कई बार शिकायतें भी दर्ज कराई गईं। 2019 में हैदराबाद और करीमनगर की अदालतों में भी ऐसी ही दो शिकायतें दर्ज की गई थीं जिनमें उन पर नफ़रती भाषण देने का आरोप लगाया गया था। उन्होंने तब दावा किया था कि कुछ लोग राजनीतिक लाभ के लिए उनके बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश कर रहे थे। उन्होंने इस बात से इनकार किया था कि उन्होंने कोई आपत्तिजनक टिप्पणी की थी।
रिपोर्ट के अनुसार 23 जुलाई, 2019 को तेलंगाना के करीमनगर में एक जनसभा में उन्होंने कहा था कि आरएसएस अभी तक उनके 2012 के भाषण में दिए गए "15 मिनट के झटके" से उबर नहीं पाया है। अकबरुद्दीन के इस बयान के ख़िलाफ़ भी शिकायत दर्ज कराई गई थी। इस पर अकबरुद्दीन ओवैसी ने कहा था कि उन्होंने कोई भी आपत्तिजनक भाषण नहीं दिया है।