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AIADMK की चुनौती- 'जयशंकर, निर्मला को तमिलनाडु से चुनाव लड़ाकर दिखाओ'

AIADMK की चुनौती- 'जयशंकर, निर्मला को तमिलनाडु से चुनाव लड़ाकर दिखाओ'

लोकसभा चुनाव में क्या बीजेपी तमिलनाडु में कुछ सीट जीत भी सकती है? वह भी बिना किसी गठबंधन के। जानिए, आख़िर बीजेपी की पूर्व सहयोगी एआईएडीएमके ने उसको क्यों चुनौती दी है। 

तमिलनाडु सहित दक्षिण के राज्यों में लोकसभा चुनाव में कुछ बेहतरी की उम्मीद लगाए बैठी बीजेपी और पीएम मोदी को एआईएडीएमके ने बड़ी चुनौती दी है। अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम यानी एआईएडीएमके ने भाजपा को लोकसभा चुनाव के लिए केंद्रीय विदेश मंत्री एस जयशंकर और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को तमिलनाडु से मैदान में उतारने की चुनौती दी है। इसने कहा है कि यदि बीजेपी वास्तव में सोचती है कि दोनों तमिलनाडु में बढ़े हैं तो उन्हें चुनाव में उतारे।

एआईएडीएमके वह पार्टी है जो तमिलनाडु में बीजेपी की लंबे समय तक सहयोगी पार्टी रही है। दोनों के बीच गठबंधन को लेकर कुछ समय पहले तक कयास लगाए जा रहे थे कि शायद चुनाव में दोनों दल साथ आ जाएँ। हालाँकि, एआईएडीएमके पिछले कुछ महीनों से बीजेपी के साथ गठबंधन से इनकार करती रही और बीजेपी पर उसके नेताओं का अपमान करने का आरोप लगाती रही है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भारतीय जनता पार्टी तमिलनाडु में सहयोगियों के साथ सीट-बँटवारे के समझौते की कोशिश करती रही, लेकिन उसके सामने अब बड़ी बाधा आ गई है। पिछले चार लोकसभा चुनावों में पार्टी को एक सीट मिलती रही थी, लेकिन उसके असंतुष्ट पूर्व सहयोगी एआईएडीएमके ने इस बार साथ चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया है। उसने 2019 का लोकसभा और 2021 का विधानसभा चुनाव भाजपा के साथ लड़ा था, लेकिन उसने पिछले सितंबर में एनडीए से नाता तोड़ लिया।

एआईएडीएमके यानी अन्नाद्रमुक के उप महासचिव केपी मुनुसामी ने गुरुवार को कृष्णागिरी में कहा कि बीजेपी तमिलनाडु के पूर्व बीजेपी अध्यक्ष एल मुरुगन को लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए बहुत कसरत की, लेकिन उन्हें मध्य प्रदेश से अपना राज्यसभा उम्मीदवार बनाया क्योंकि वे जानते हैं कि वे यहां नहीं जीत सकते। मुनुसामी अपनी नेता और तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत जे जयललिता की जयंती के मौके पर बोल रहे थे।

अन्नाद्रमुक के वरिष्ठ नेता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राज्य भाजपा अध्यक्ष के अन्नामलाई को चुनौती दी कि वे केंद्रीय मंत्री सीतारमण और जय शंकर को राज्य के किसी भी निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ाकर दिखाएँ। द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने कहा, 'अगर बीजेपी में हिम्मत और विश्वास है कि तमिलनाडु के लोग उन्हें वोट देंगे, तो उन्हें इन दो केंद्रीय मंत्रियों को यहां से चुनाव लड़ने दें, तब आपको पता चल जाएगा कि तमिलनाडु के लोग आपको क्या सबक सिखाएंगे। यह द्रविड़ धरती है।'

निर्मला सीतारमण और एस जयशंकर फिलहाल कर्नाटक और गुजरात से राज्यसभा सांसद हैं, और इस बात का कोई संकेत नहीं है कि उन्हें इस लोकसभा चुनाव में मैदान में उतारा जाएगा।

भाजपा नेता अन्नामलाई के इस आरोप पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कि दो द्रविड़ पार्टियों - अन्नाद्रमुक और द्रमुक के कारण तमिलनाडु की स्थिति कई क्षेत्रों में खराब हो गई है, मुनुसामी ने कहा कि तमिलनाडु शिक्षा, स्वास्थ्य और जल प्रबंधन के क्षेत्र में शीर्ष प्रदर्शन करने वाला राज्य बना हुआ है।

उन्होंने कहा, 'तमिलनाडु के लोग चीजों की स्थिति के बारे में अच्छी तरह से जानते हैं और इस बारे में स्पष्ट हैं कि सत्ता में किसे वोट दिया जाना चाहिए। यही वजह है कि पिछले 50 सालों से राष्ट्रीय पार्टियां यहां पैर नहीं जमा पा रही हैं और द्रविड़ पार्टियां शासन कर रही हैं।' 

अन्नाद्रमुक नेता ने आगे कहा कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि भाजपा आगामी चुनाव में 300 या अधिक सीटें जीतती है, लेकिन तमिलनाडु और पुडुचेरी में अन्नाद्रमुक के नेतृत्व वाला गठबंधन सभी 40 सीटों पर विजयी होने जा रहा है। उन्होंने कहा कि एक और द्रविड़ पार्टी डीएमके हमारी प्रतिस्पर्धी है, बीजेपी नहीं। 

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