अग्निपथः एयर चीफ ने कहा - प्रदर्शनकारियों को बड़ी कीमत चुकानी पड़ सकती है
अग्निपथ योजना का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों को एयर चीफ मार्शल वी. आर. चौधरी ने सीधे चेतावनी दे डाली है। एयर चीफ चौधरी ने कहा कि प्रदर्शनकारी युवकों को बाद में इसकी बड़ी कीमत चुकानी पड़ सकती है। सेना में उनकी भर्ती बिना पुलिस वेरिफिकेशन के नहीं होगी। ऐसे में पुलिस ऐसे युवकों को वेरिफिकेशन क्यों और कैसे करेगी। एयर चीफ ने इंडिया टुडे टीवी को दिए गए खास इंटरव्यू में ये बातें कहीं हैं।
एयर चीफ मार्शल वी आर चौधरी ने कहा कि उन्हें इस तरह की हिंसक प्रतिक्रिया की उम्मीद नहीं थी। हम इस तरह की हिंसा की निंदा करते हैं। यह समाधान नहीं है। सेना में अंतिम चरण पुलिस सत्यापन है। अगर कोई इन प्रदर्शनों में शामिल है, तो उन्हें पुलिस से मंजूरी नहीं मिलेगी।
अग्निपथ योजना को एक पॉजिटिव कदम बताते हुए, एयर चीफ मार्शल चौधरी ने कहा कि जिन्हें इस स्कीम के बारे में चिंता है, वे पास के आर्मी स्टेशनों, वायु सेना या नेवी के ठिकानों से संपर्क कर सकते हैं और अपनी शंकाओं को दूर कर सकते हैं।
चौधरी ने कहा कि युवकों को अब जो करने की ज़रूरत है, वह है सही जानकारी हासिल करना, योजना को पूरी तरह से समझना। वे खुद ही योजना का लाभ देखे सकते हैं। मुझे यकीन है कि यह उनके सभी संदेहों को दूर कर देगा, जो कुछ भी उनके मन में है।
सीएएस ने बताया कि अग्निपथ भर्ती योजना पिछले दो साल से चल रही थी और इसका मकसद सशस्त्र बलों की आयु को 30 से घटाकर 25 वर्ष करना है। चार साल के कार्यकाल के बाद रिटायर होने वाले अनुशासित, प्रेरक के रूप में वापस जाएंगे।
चौधरी ने कहा कि सरकार और रक्षा प्रतिष्ठान नौकरी चाहने वालों की चिंताओं को दूर करने और डर को दूर करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं, खासकर भविष्य के बारे में उनकी असुरक्षा के संबंध में।
बता दें कि शुक्रवार को, वायु सेना प्रमुख ने घोषणा की थी कि अग्निपथ योजना के तहत भर्ती के लिए भारतीय वायु सेना चयन प्रक्रिया 24 जून से शुरू करेगी। इस वर्ष के लिए इस योजना के तहत शामिल होने के लिए ऊपरी आयु सीमा को बढ़ाकर 23 कर दिया गया है।
सरकार ने मंगलवार को अग्निपथ योजना की शुरुआत करते हुए कहा था कि साढ़े 17 से 21 वर्ष की आयु के युवाओं को चार साल के कार्यकाल के लिए शामिल किया जाएगा, जबकि उनमें से 25 प्रतिशत को बाद में नियमित सेवा के लिए शामिल किया जाएगा।
योजना का विरोध करने वाले लोग सेवा की अवधि से नाखुश होने के कारण रोलबैक की मांग कर रहे हैं। इसमें पेंशन का कोई प्रावधान नहीं है।