तालिबान ने अफ़ग़ानिस्तान में एक अंतरिम सरकार के गठन की तैयारियाँ पूरी कर ली हैं और जल्द ही इसका एलान कर दिया जाएगा। नई सरकार के गठन के मौके पर पाकिस्तान, चीन, रूस, ईरान, क़तर और तुर्की को आमंत्रित किया गया है।
समाचार टेलीविज़न चैनल 'अल जज़ीरा' के हवाले से यह कहा गया है। तालिबान के प्रवक्ता ने कहा है कि यह ऐसी सरकार होगी, जिसे अफ़गानिस्तान की जनता स्वीकार करेगी और विश्व समुदाय भी उसे मान्यता देगा।
इसके पहले चीन ने सभी देशों से अपील की थी कि वे अफ़ग़ानिस्तान में स्थायी, टिकाऊ व समावेशी सरकार बनाने में तालिबान की मदद करें और उन्हें बताएं कि यह कैसे करना है।
क्या कहा चीन ने?
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन से सोमवार को जब बीजिंग में एक प्रेस कॉन्फ़्रेंस में इस पर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, "अभी मुझे आपको इस बारे में जानकारी देने के लिए कुछ नहीं है।"
वेंगबिन ने दुहराया कि चीन अफ़गानिस्तान में एक समावेशी और उदार मूल्यों वाली सरकार की समर्थन करता है।
अफ़गानिस्तान पर क़ब्ज़े के कुछ समय बाद ही चीन ने तालिबान के साथ 'दोस्ताना रिश्ते' विकसित करने की इच्छा जताई थी।
पंजशीर पर नियंत्रण का दावा
तालिबान ने पहले सरकार बनाने का काम टाल दिया था क्योंकि पंजशीर घाटी में नॉदर्न अलायंस से इसकी लड़ाई चल रही थी। सरकार बनाने का एलान करते हुए तालिबान ने दावा किया कि लड़ाई ख़त्म हो चुकी है, उसके लड़ाकों ने पंजशीर पर नियंत्रण कर लिया है और पूर्व उप राष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह इलाक़ा छोड़ कर भाग गए हैं।
तालिबान प्रवक्ता ज़बीउल्लाह मुजाहिद ने काबुल में प्रेस कॉन्फ़्रेंस में कहा है कि उन्हें कहा गया है कि सालेह अफ़ग़ानिस्तान छोड़कर ताजिकिस्तान भाग गए हैं।
सालेह ने एक वीडियो जारी कर कहा था कि वो घाटी छोड़कर नहीं भागे हैं।
तालिबान प्रवक्ता ने आज कहा है कि पंजशीर जिन लोगों के नियंत्रण में था वो ‘ग़ायब हैं।’ उन्होंने कहा कि अफ़ग़ानिस्तान उनका घर है और वे जब चाहें तब लौट सकते हैं।
उन्होंने बताया कि पंजशीर से जो हथियार बरामद किए गए हैं वो अफ़ग़ानिस्तान के हथियारों के ज़ख़ीरे में शामिल होंगे।