अफ़ग़ानिस्तान : मज़ार-ए-शरीफ़ से भारतीयों को लाने के लिए गया विशेष विमान
अफ़ग़ानिस्तान के छह प्रांतों पर तालिबान के क़ब्ज़े और वहाँ पैदा हुई संकट की स्थिति के मद्देनज़र भारत ने मज़ार-ए-शरीफ़ के वाणिज्य दूतावास को बंद करने और उस शहर में रह रहे भारतीयों को वहाँ से निकाल कर स्वदेश लाने का फ़ैसला किया है। सरकार ने मंगलवार को एक विशेष विमान वहाँ भेजा है।
बाल्ख़ प्रांत की राजधानी मज़ार-ए-शरीफ़ के आसपास तालिबान लड़ाके पहुँच चुके हैं। इस आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है कि जल्द ही तालिबान शहर के अंदर घुसें और शहर पर नियंत्रण की लड़ाई शुरू हो जाए।
मज़ार-ए-शरीफ़ स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावाास ने ट्वीट कर कहा,
“
मज़ार-ए-शरीफ़ से नई दिल्ली के लिए विशेष विमान उड़ेगा। मज़ार-ए-शरीफ़ और उसके आसपास रहने वाले भारतीयों से कहा जा रहा है कि वे आज शाम इस विशेष विमान से भारत लौट जाएं।
भारतीय वाणिज्य दूतावास, मज़ार-ए-शरीफ़
इसमें यह भी कहा गया है कि सभी भारतीय वाणिज्य दूतावास से अपने पासपोर्ट के साथ संपर्क करें और दिए हुए फ़ोन नंबर पर संपर्क करें। इसके साथ ही मजार-ए-शरीफ़ के वाणिज्य दूतावास को अस्थायी तौर पर बंद कर दिया गया है।
(1/2) A special flight is leaving from Mazar-e-Sharif to New Delhi. Any Indian nationals in and around Mazar-e-Sharif are requested to leave for India in the special flight scheduled to depart late today evening.
— India in Mazar (@IndianConsMazar) August 10, 2021
मज़ार-ए-शरीफ़ पर तालिबान का साया
भारत ने पिछले महीने कांधार का वाणिज्य दूतावास बंद कर कर्मचारियों व राजनयिकों को वापस बुला लिया था।
अफ़ग़ानिस्तान में लगभग 1,500 भारतीय रहते हैं।
अमेरिकी सेना ने 1 मई को अफ़ग़ानिस्तान छोड़ना शुरू किया और इस महीने के अंत तक सारे सैनिक लौट जाएंगे। सिर्फ कुछ सैनिक वहाँ रह जाएंगे जो अमेरिकी दूतावास और उसके कर्मचारियों की हिफाजत का काम करेंगे।
अमेरिकी सेना की वापसी शुरू होते ही तालिबान लड़ाके तेज़ी से आगे बढ़ने लगे और अफ़ग़ान सेना को पीछे धकेलने लगे। देश के बड़े हिस्से पर तालिबान का नियंत्रण हो चुका है। मजार-ए-शरीफ के चारों ओर भी तालिबान के लड़ाके पहुँच चुके हैं और वे जल्द ही शहर में दाखिल होने वाले हैं।
तालिबान ने निमरोज़, सर-ए-पुल, ताखर, हेलमंद, कुंदूज और अयबाक प्रांतों की राजधानियों पर क़ब़्जा कर लिया है। वे कांधार और हेरात में कई जगहों पर पकड़ बना चुके हैं।
काबुल में तालिबान-अफ़ग़ान सेना में लड़ाई नहीं चल रही है, पर बीते हफ़्ते सबसे सुरक्षित ग्रीन ज़ोन स्थित रक्षा मंत्री के घर पर जिस तरह आत्मघाती हमला हुआ और आठ लोग मारे गए, उससे लोग दहशत में हैं।
अफ़ग़ानिस्तान में तालिबान लड़ाकों और अफ़ग़ान सेना के बीच ज़बरदस्त लड़ाई चल रही है, बहुत बड़ा मानवीय संकट पैदा हो गया है।
महिलाओं व बच्चों समेत सैकड़ों नागरिक मारे गए हैं, लगभग ढ़ाई लाख लोगों को अपना घर-बार छोड़ कर भागना पड़ा है।
सहायता एजेन्सियाँ प्रभावित लोगों तक नहीं पहुँच पा रही हैं, संयुक्त राष्ट्र की अपीलों का कोई असर नहीं पड़ रहा है और अंतरराष्ट्रीय समुदाय तमाशबीन बना हुआ है।