अदनान सामी को पद्म श्री मिलने पर सोशल मीडिया पर जोरदार भिड़ंत
गायक अदनान सामी को पद्म श्री अवार्ड क्या मिला, इसे लेकर तरह-तरह की चर्चाएं शुरू हो गईं। अदनान सामी मूल रूप से पाकिस्तानी नागरिक थे और कुछ साल पहले उन्हें भारत की नागरिकता दी गई थी। अदनान सामी के पिता पाकिस्तानी एयर फ़ोर्स में थे और 1965 में भारत के ख़िलाफ़ जंग लड़ चुके थे।
अदनान को पुरस्कार मिलने के एलान के साथ ही सोशल मीडिया पर लोग दो ख़ेमों में बंट गए हैं। एक ख़ेमे ने उन्हें पुरस्कार दिये जाने का विरोध किया है जबकि दूसरे ख़ेमे ने इसका स्वागत किया है। विरोधी ख़ेमे का कहना है कि नागरिकता संशोधन क़ानून, नेशनल रजिस्टर ऑफ़ सिटीजंस के जरिये मुसलमानों को देश से बाहर करने की कोशिश की जा रही है जबकि पाकिस्तान से यहां आए मुसलमानों को पद्म श्री दिया जा रहा है। स्वागत करने वाले ख़ेमे का कहना है कि सामी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सपोर्ट करते हैं इसलिए कुछ लोग उन्हें पद्म श्री देने का विरोध कर रहे हैं।
कांग्रेस, मनसे ने किया विरोध
कांग्रेस नेता संजय निरूपम ने कहा है कि सामी पाकिस्तानी नागरिक थे और केंद्र सरकार के उन्हें पद्म श्री देने के फ़ैसले से लोगों को झटका लगा है, सरकार को इस बारे में विचार करना चाहिए। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना ने भी इस फ़ैसले पर सवाल उठाया है। मनसे नेता अमेय खोपकर ने ट्वीट कर कहा कि सामी मूल रूप से भारतीय नहीं हैं और एमएनस उन्हें पद्म श्री देने की निंदा करती है और यह मांग करती हैं कि इसे वापस लिया जाना चाहिए।अदनान को पद्म श्री मिलने पर सबसे पहले केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने ट्वीट कर बधाई दी। लेकिन बधाई के दौरान उनका निशाना शाहीन बाग़ पर रहा। पुरी ने कहा, ‘सामी ऐसे लोगों में से हैं जिनका भारत के संविधान पर भरोसा है और उन्हें भारत की नागरिकता दी गई थी। मुझे उम्मीद है कि शाहीन बाग़ सुन रहा है। भारत नागरिकता लेने में यक़ीन नहीं रखता।’
Congratulations to the talented Sh @AdnanSamiLive on being honoured with a Padma Shri.
— Hardeep Singh Puri (@HardeepSPuri) January 25, 2020
He is one of the many who reposed faith in the constitution of India & were granted Indian citizenship.
I hope Shaheen Bagh is listening. India doesn't believe in taking away citizenships. pic.twitter.com/RuPohmyXSb
रजत नाम के ट्विटर यूजर ने तंज कसा है कि राहुल गाँधी को इसलिए क़ातिल कहा जाता है क्योंकि उनके पिता राजीव गाँधी सिखों के क़त्लेआम के लिए जिम्मेदार थे और अदनान सामी को इसलिए पद्म श्री दिया गया है क्योंकि उनके पिता ने भारतीय सैनिकों का क़त्लेआम किया था।
Rahul is murderer because rajiv gandhi responsible for sikh massacre
— Rajat (@rsrajat365) January 26, 2020
Adnan sami is Padam shree because his dad murdered indian soldiers.#Hypocrisy
ज़ोया नाम की ट्विटर यूजर ने लिखा, ‘जगदीश सेठ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फ़िलिप कोटलर अवार्ड दिया तो उन्हें पद्म पुरस्कार मिला। आनंद महिंद्रा इकॉनमी पर चुप रहे तो पद्म श्री मिला। अदनान सामी ने पाकिस्तान के लोगों को गालियां दीं तो उन्हें पद्म श्री अवार्ड दे दिया गया।’ ज़ोया ने कटाक्ष किया है कि सिंधू और मैरी कॉम ने बीजेपी के लिये ट्वीट किया तो उन्हें पद्म पुरस्कार से सम्मानित कर दिया गया।
Jagdish Seth gave Philip Kotler Award to Modi.
— Zoya (@RangDeTiranga) January 26, 2020
Got Padma Award.
Anand Mahindra was silent on Economy.
Got Padma Award.
Kangana Ranaut spoke against CAA protest.
Got Padma Award.
Adnan Sami abused Pakistanis.
Got Padma Award.
Sindhu & Mary Kom tweeted for BJP.
Got Padma Award.
सीएसडीएस, नई दिल्ली में एसोसिएट प्रोफ़ेसर हिलाल अहमद ने ट्वीट किया, ‘अदनान सामी अब आधिकारिक रूप से अच्छे मुसलमान, अच्छे पाकिस्तान प्रवासी और अच्छे नागरिक के रूप में पहचाने जाएंगे जबकि शाहीन बाग़ की महिलाएं...।’ हिलाल का इशारा इस ओर था कि कुछ दिन पहले ट्विटर पर शाहीन बाग़ में नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ धरना दे रहीं महिलाओं के लिये ‘ शाहीन बाग़ की बिकाऊ औरतें’ ट्रेंड कराया गया था।
Adnan Sami is an officially recognised
— Hilal Ahmed (@Ahmed1Hilal) January 26, 2020
GOOD MUSLIM,
GOOD PAKISTANI MIGRANT
AND GOOD CITIZEN
while
Women of Shaheen Bagh are
....
अज़ीम मिर्जा नाम के ट्विटर यूजर ने दो फ़ोटो ट्वीट की हैं। पहली फ़ोटो में सामी हैं और दूसरी फ़ोटो में मुहम्मद सना उल्लाह हैं। मिर्जा ने लिखा है कि सामी अरशद सामी के बेटे हैं, जिन्होंने भारत के ख़िलाफ़ युद्ध लड़ा और पाकिस्तान से उन्हें वीरता पदक मिला। उनके बेटे बीजेपी की धुन गाते हैं और उन्हें पद्म श्री मिल जाता है। जबकि मुहम्मद सना उल्लाह जिसने भारत के लिए कारगिल की लड़ाई लड़ी और जीत दिलाई, वह आज डिटेंशन कैंप में हैं। मिर्जा कटाक्ष करते हैं कि ओह सॉरी, हैप्पी रिपब्लिक डे।
Pic -1 Adnan Sami Khan son of Arshad Sami Khan who fought war against India, gets bravery award from Pakistan. His Son sings BJP tunes and gets Padmashree.
— Azim Mirza عَظِیم مِرزَا (@Azim__mirza) January 26, 2020
Pic -2 Md. Sana Ullah fought and won the Kargil war for India. Sent to Detention camp.
Oh sorry “Happy Republic Day” 🇮🇳🇮🇳 pic.twitter.com/4YMSJH95zK
सामी को पद्म श्री दिये जाने के फ़ैसले के समर्थकों ने भी अपनी बात को रखा है। अश्विनी नाम की ट्विटर यूजर ने ट्वीट किया है कि सामी को यह पुरस्कार उनके भारत के पक्ष में खड़े रहने और पाकिस्तानी ट्रोल्स को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए मिला है। अश्विनी ने लिखा है कि फ़िल्म इंडस्ट्री में भी सामी का अहम योगदान है।
Because of his concern towards India, and his befitting replies to Pakistani trolls against India......n also for his great contribution to the film industry#adnansami #bharatRatna https://t.co/7p7hFTyExv
— Ashwinitare (@Ashwinitare1) January 25, 2020
देव नाम के ट्विटर यूजर ने लिखा है कि सामी भारतीय हैं। उन्होंने नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ धरना दे रहे लोगों को लेकर लिखा है कि वे लोग पाकिस्तानी और बांग्लादेशी मुसलिमों को नागरिकता क़ानून में शामिल करने के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं और सामी प्रधानमंत्री मोदी को सपोर्ट करते हैं इसलिए उनके ख़िलाफ़ जहर उगल रहे हैं।
He is an indian. And u are protesting against #caa to include pakistani and bangladeshi muslims in #caa but spreading venom on #adnansami because he supports modi.
— देव™ (@WhoDushyant) January 25, 2020
जन्मजीत शंकर सिन्हा नाम के ट्विटर यूजर ने लिखा है कि सामी पूरे भारत में तारीफ़ के हक़दार हैं। सिन्हा ने आगे लिखा है कि वह उन्हें गर्व से अपना भाई बुलाते हैं।
You deserve to have such appreciation @AdnanSamiLive all across India. We love your nationalism & we are proud to call you as our brother.🙏🇮🇳#AdnanSami rocks & Pakistan #Mocks of his success & fame.😂 https://t.co/fgJgjbhZHG
— Janmajit Shankar Sinha (@janmajit07) January 25, 2020
इस तरह सामी को पद्म श्री मिलने के पक्ष और विरोध में सैकड़ों ट्वीट होते रहे। लेकिन ज़्यादातर लोगों का जोर इसी बात पर रहा कि अगर सरकार पाकिस्तान में पैदा हुए किसी शख़्स को भारत की नागरिकता दे सकती है तो वह अपने देश में नागरिकता संशोधन क़ानून के चलते नागरिकता जाने के डर से धरने पर बैठे लोगों से क्या बात तक नहीं कर सकती।