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'इंडिया' को समर्थन ममता की राष्ट्रीय राजनीति में बने रहने की चाल: अधीर

'इंडिया' को समर्थन ममता की राष्ट्रीय राजनीति में बने रहने की चाल: अधीर

पूरे लोकसभा चुनाव में बंगाल में कांग्रेस और वामदलों के ख़िलाफ़ 'आग उगलती' रहीं ममता बनर्जी ने बुधवार को कहा था कि चुनाव बाद वह इंडिया गठबंधन को बाहर से समर्थन देंगी। जानिए, इस पर अधीर रंजन चौधरी ने क्या कहा।

पश्चिम बंगाल कांग्रेस के प्रमुख अधीर रंजन चौधरी ने राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के ख़िलाफ़ फिर से कड़ी टिप्पणी की है। ममता के इस बयान पर कि तृणमूल कांग्रेस इंडिया गठबंधन को बाहर से समर्थन देगी, अधीर रंजन चौधरी ने गुरुवार को ममता को अवसरवादी राजनेता करार दिया। उन्होंने कहा कि ममता ने अपनी विश्वसनीयता गँवा दी है और उनका यह बयान अब राष्ट्रीय राजनीति में बने रहने की एक चाल है।

कांग्रेस नेता की यह तीखी टिप्पणी ममता के इस दावे के एक दिन बाद आई है कि लोकसभा चुनाव खत्म होने के बाद इंडिया गठबंधन केंद्र में सरकार बनाएगा और टीएमसी उसे बाहर से समर्थन देगी।

एक रैली को संबोधित करते हुए ममता ने बुधवार को कहा था, 'भाजपा पहले चार चरणों के चुनाव में हार जाएगी। बाकी तीन में उसके जीतने की कोई संभावना नहीं है। वे शोर तो बहुत मचाएंगे, लेकिन जीत नहीं पाएंगे। कई लोग बड़ी-बड़ी गणनाएं कर रहे हैं। मैं दिल्ली की बात कर रही हूं। हम इंडिया गठबंधन को नेतृत्व प्रदान करेंगे, और उन्हें बाहर से हर तरह से मदद करेंगे। हम ऐसी सरकार बनाएंगे ताकि बंगाल में हमारी मां-बहनों को कभी परेशानी न हो और जो लोग 100 दिन-रोजगार योजना में काम करते हैं, उन्हें दिक्कत न हो।'

लेकिन इसके साथ ही ममता ने इंडिया गठबंधन को लेकर अपनी अलग ही परिभाषा दी थी। उन्होंने कहा था कि इस इंडिया गठबंधन में पश्चिम बंगाल कांग्रेस और सीपीएम शामिल नहीं है। ममता ने कहा था, 'आपको यह पता होना चाहिए कि इंडिया अलायंस में बंगाल कांग्रेस और सीपीआई (एम) को मत गिनें, वे दोनों हमारे साथ नहीं हैं। वे दोनों भाजपा के साथ हैं। मैं दिल्ली के बारे में बात कर रही हूं।'

ममता के इसी बयान को लेकर पत्रकारों से बात करते हुए अधीर रंजन चौधरी ने दावा किया कि टीएमसी सुप्रीमो अब विपक्षी इंडिया गुट की बढ़ती ताक़त को पहचानते हुए उसका समर्थन कर रही हैं और राष्ट्रीय राजनीति में अपनी प्रासंगिकता बनाए रखना चाहती हैं।

उन्होंने ममता बनर्जी को एक अवसरवादी राजनेता भी करार दिया, जिन्होंने बदलते राजनीतिक माहौल को महसूस करने के बाद अपना रुख बदल लिया। पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने कहा, 'यह साफ़ दिख रहा है कि इंडिया गठबंधन आगे बढ़ रहा है और सरकार बनाने की कगार पर है और यही कारण है कि एक चतुर और अवसरवादी नेता के रूप में ममता बनर्जी ने पहले ही अपना समर्थन देने का फैसला किया है।'

उन्होंने कहा, 'उन्होंने अपनी विश्वसनीयता गँवा दी है। वह इस वास्तविकता को समझ गई हैं कि मतदाता इंडिया गठबंधन की ओर बढ़ रहे हैं। उन्हें एहसास हो गया है कि वह राष्ट्रीय राजनीति में अलग-थलग पड़ गयी हैं। यह राष्ट्रीय राजनीति में बने रहने की एक चाल है।'

इससे पहले दिन में एएनआई से बात करते हुए चौधरी ने कहा था कि उन्हें ममता बनर्जी पर भरोसा नहीं है क्योंकि वह इंडिया गठबंधन से भाग गई हैं। उन्होंने तो यहाँ तक कह दिया कि टीएमसी प्रमुख लोकसभा चुनाव में भाजपा का समर्थन कर सकती हैं। उन्होंने कहा, 'मुझे उन पर भरोसा नहीं है। वह गठबंधन छोड़कर भाग गयीं। वह भाजपा की ओर भी जा सकती हैं। वे कांग्रेस पार्टी को ख़त्म करने की बात कर रही थीं और कह रही थीं कि कांग्रेस को 40 से अधिक सीटें नहीं मिलेंगी। लेकिन अब वह कह रही हैं तो इसका मतलब है कि कांग्रेस पार्टी और गठबंधन सत्ता में आ रहे हैं।' 

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