केरल में अडानी पोर्ट का विरोध तेज, चर्च भी कूदा
केरल में अडानी पोर्ट के विरोध में चर्च भी शामिल हो गया है। केरल के मछुआरे कई दिनों से विझिंगम में अडानी पोर्ट के निर्माण का विरोध कर रहे हैं। यह प्रदर्शन बुधवार को भी जारी रहा। फिलहाल पोर्ट के निर्माण का काम रुका हुआ है। केरल सरकार का कहना है कि वो इस पोर्ट का निर्माण नहीं रुकवा सकती क्योंकि इसमें केंद्र सरकार भी शामिल है। यह राज्य सरकार का प्रोजेक्ट नहीं है। सुप्रीम कोर्ट और नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने इसकी अनुमति दी है। लेकिन यह पोर्ट केरल के विकास में मददगार बनेगा।
मछुआरों का कहना है कि विझिंगम पोर्ट हिस्से में अडानी द्वारा बनाए जा रहे ग्रोइन्स (सीमेन्ट और मसाले का अवरोध) का अवैज्ञानिक निर्माण, पुलिमट्ट (बनावटी समुद्री दीवार) की वजह से कोस्टल एरिया का क्षरण बढ़ जाएगा। इससे पर्यावरण को नुकसान होगा। मछलियां प्रभावित होंगी, हमारा कारोबार चौपट हो जाएगा। मछुआरों ने मंगलवार को विरोध तेज करते हुए पोर्ट को जाने वाली मुख्य सड़क को अवरुद्ध कर दिया।
केरल के पर्यावरणवादियों ने भी इस पर चिन्ता जताई है। उनका कहना है कि अडानी पोर्ट से सिर्फ तिरुवनंतपुरम का समुद्री तट ही नहीं प्रभावित होगा, बल्कि इस असर कोल्लम, अलपुझा, कोच्चि और अन्य समुद्री तटों पर भी पड़ेगा।
#WATCH | Fishermen protest in Thiruvananthapuram, Kerala against ongoing Adani port project in Vizhinjam, continues for the second day.They're demanding rehabilitation & permanent solution for sea erosion, alleging acres of coastal land were destroyed when construction work began pic.twitter.com/rjMvf7fwS1
— ANI (@ANI) August 17, 2022
इस मुद्दे पर चर्च भी मछुआरों के साथ शामिल हो गया है। विरोध में तिरुवनंतपुरम शहर के सभी चर्चों में काले झंडे लगा दिए गए हैं। लैटिन कैथोलिक आर्चडायसी ने कहा है कि हमारा विरोध प्रदर्शन अगस्त के अंत तक जारी रहेगा। अगर सरकार कुछ करती है तो ठीक है, नहीं तो हम आगे अपने आंदोलन की रणनीति तय करेंगे। चर्च ने कहा कि यह मछुआरों के अस्तित्व का सवाल है।
बुधवार और कल मंगलवार के प्रदर्शन में पॉझियूर क्षेत्र के मछुआरे प्रदर्शन में शामिल होने पहुंचे थे। आने वाले दिनों में अन्य पंचायतों के और लोगों के विरोध प्रदर्शन में शामिल होने की उम्मीद है।
मलयालम मनोरमा के मुताबिक केरल के पोर्ट मंत्री अहमद देवरकोविल ने कहा कि इस प्रदर्शन में बाहरी लोग शामिल हैं। उनके इस बयान से प्रदर्शनकारी और भी भड़क उठे हैं। बता दें कि केरल के मछुआरा समुदाय के अधिकांश लोग कैथोलिक हैं और यही वजह है कि कैथोलिक चर्च से जुड़े लोग इस आंदोलन को समर्थन दे रहे हैं।
राज्य के ट्रांसपोर्ट मंत्री एंटोनी राजू ने कहा कि समुद्र तट के किनारे इस पोर्ट की वजह से जिन मछुआरों के घर उजड़ेंगे, सरकार उन्हें फ्लैट देगी। केरल के विकास के लिए यह पोर्ट बहुत जरूरी है। राजू ने कहा कि 22 अगस्त तक फ्लैट के लिए जमीन का आवंटन कर दिया जाएगा और उसके बाद फ्लैट मछुआरों को सौंप दिए जाएंगे।
मंत्री राजू ने कहा कि इस पोर्ट का काम रुकवाने का अधिकार केरल सरकार के पास नहीं है। इसमें केंद्र सरकार शामिल है। सुप्रीम कोर्ट और नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने इसकी मंजूरी दी है।