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अडानी ग्रुप में सबसे बड़े निवेशक टोटल एनर्जी ने निवेश क्यों रोका

अडानी ग्रुप में सबसे बड़े निवेशक टोटल एनर्जी ने निवेश क्यों रोका

अडानी समूह की कंपनियों में फ्रांस की टोटल एनर्जी कंपनी का सबसे ज्यादा निवेश है। हाल ही में दोनों कंपनियों के बीच हाइड्रोजन प्रोजेक्ट को लेकर डील हुई थी लेकिन उस पर हस्ताक्षर बाकी हैं। टोटल ने कहा है कि फिलहाल इस डील पर हस्ताक्षर नहीं किए जा रहे हैं।

फ्रांसीसी कंपनी टोटल एनर्जी (TotalEnergies) ने कहा है कि उसने अडानी समूह की $50 बिलियन (4.12 लाख करोड़ रुपये से अधिक) हाइड्रोजन परियोजना में अपने निवेश को रोक दिया है। रॉयटर्स न्यूज एजेंसी के मुताबिक यूएसए की फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडानी समूह के खिलाफ वित्तीय अनियमितताओं के आरोप लगाए जाने के बाद टोटल एनर्जीज ने यह घोषणा की है।

द इकोनॉमिक टाइम्स का कहना है कि टोटल एनर्जी अडानी समूह में सबसे बड़े विदेशी निवेशकों में से एक है। अडानी समूह के हाइड्रोजन उद्यम के साथ इसकी साझेदारी की घोषणा जून में की गई थी और यह परियोजना में 25% हिस्सेदारी लेने जा रही थी।

Total Energies के मुख्य कार्यकारी अधिकारी पैट्रिक पॉयने ने कहा कि कंपनी हिंडनबर्ग के आरोपों के जवाब में अडानी समूह द्वारा घोषित ऑडिट के परिणाम की प्रतीक्षा कर रही है। पॉयने ने कहा, सौदे की घोषणा की गई थी, लेकिन किसी भी स्तर पर हस्ताक्षर नहीं हुए थे। गौतम अडानी के पास अभी निपटने के लिए अन्य चीजें हैं, ऑडिट पर आगे बढ़ने तक चीजों को रोकना अच्छा है। 

पिछले महीने प्रकाशित एक रिपोर्ट में, हिंडनबर्ग रिसर्च ने आरोप लगाया था कि अडानी समूह "कॉर्पोरेट इतिहास में सबसे बड़ा घोटाला" करने के लिए स्टॉक हेरफेर और लेखा धोखाधड़ी में शामिल था। इसने दावा किया कि गौतम अडानी के नेतृत्व वाले समूह ने ओवरवैल्यूड शेयरों को गिरवी रखकर पर्याप्त कर्ज जमा कर लिया है। 

अपनी ओर से, अडानी समूह ने इसे निराधार और दुर्भावनापूर्ण बताया था। समूह ने यह भी कहा है कि रिपोर्ट भारत और उसके संस्थानों पर एक "सुनियोजित हमला" है। 

बुधवार को पॉयने ने कहा था कि अडानी ग्रीन और अडानी टोटल गैस में टोटल एनर्जी का 3.1 बिलियन डॉलर (25,603 करोड़ रुपये से अधिक) का निवेश है। उन्होंने कहा कि फर्म खुश है कि दोनों कंपनियां अच्छा प्रदर्शन कर रही हैं।

अमेरिका की जानी-मानी निवेश शोध फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडानी समूह पर स्टॉक बाज़ार में हेरफेर करने का एक सनसनीखेज आरोप लगाया था। इसने कहा कि अडानी समूह एक स्टॉक में खुलेआम हेरफेर करने और अकाउंट की धोखाधड़ी में शामिल था। हिंडनबर्ग अमेरिका आधारित निवेश रिसर्च फर्म है जो एक्टिविस्ट शॉर्ट-सेलिंग में एकस्पर्ट है। रिसर्च फर्म ने कहा कि उसकी दो साल की जांच में पता चला है कि “अडानी समूह दशकों से 17.8 ट्रिलियन (218 बिलियन अमेरिकी डॉलर) के स्टॉक के हेरफेर और अकाउंटिंग की धोखाधड़ी में शामिल था।

रिसर्च फर्म की रिपोर्ट के मुताबिक अदानी समूह के चेयरमैन गौतम अडानी ने पिछले तीन सालों के दौरान लगभग 120 अरब अमेरिकी डॉलर का लाभ अर्जित किया है जिसमें से अडानी समूह की सात प्रमुख सूचीबद्ध कंपनियों के स्टॉक मूल्य की बढ़ोत्तरी से 100 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक कमाये। जिसमें पिछले तीन साल की अवधि में 819 प्रतिशत तक की बढ़ोत्तरी हुई।

हिंडनबर्ग की रिपोर्ट कैरेबियाई देशों, मॉरीशस और संयुक्त अरब अमीरात तक फैले टैक्स हैवन देशों में अडानी परिवार के नियंत्रण वाली मुखौटा कंपनियों के नेक्सस का विवरण है। जिसके बारे में दावा किया गया है कि इनका इस्तेमाल भ्रष्टाचार, मनी लॉन्ड्रिंग और करदाताओं की चोरी को सुविधाजनक बनाने के लिए किया जाता है। जबकि धन की हेराफेरी समूह की सूचीबद्ध कंपनियों से की गई थी।

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