हिंडनबर्ग का जवाबः राष्ट्रवाद की आड़ में देश को लूट रहे अडानी
अडानी समूह की सफाई पर हिंडनबर्ग रिसर्च ने सोमवार को कहा कि धोखाधड़ी को राष्ट्रवाद या एक सधी हुई प्रतिक्रिया से झुठलाया नहीं किया जा सकता है। अडानी समूह ने मूल रूप से उठाए गए हर प्रमुख आरोप को नजरअंदाज कर दिया है। अडानी ने रविवार को हिंडनबर्ग रिसर्च के आरोपों का जवाब 413 पेज की रिपोर्ट जारी करके दिया है। हिंडनबर्ग ने कहा -
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अडानी समूह ने भारत की सफलता के साथ अपने चेयरमैन गौतम अडानी की तेजी से बढ़ती संपत्ति को मिलाकर बताया है, जो भ्रमित करने की कोशिश की है। हम असहमत है। हम मानते हैं कि भारत एक जीवंत लोकतंत्र और एक रोमांचक भविष्य के साथ एक उभरती हुई महाशक्ति है।
-हिंडनबर्ग रिसर्च, 30 जनवरी 2023 को सोर्सः द हिन्दू
हिंडनबर्ग ने अपने ट्विटर हैंडल पर सोमवार को जारी बयान में कहा -
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हम यह भी मानते हैं कि अडानी समूह भारत के भविष्य को रोक रहा है, जिसने देश को व्यवस्थित रूप से लूटते हुए खुद को भारतीय ध्वज (तिरंगे) में लपेट लिया है।
-हिंडनबर्ग रिसर्च, 30 जनवरी 2023 को सोर्सः द हिन्दू
हिंडनबर्ग ने कहा, अडानी के '413 पेज' के जवाब में हमारी रिपोर्ट से संबंधित मुद्दों पर केंद्रित कुल 30 पेज ही थे।...हमने नोट किया है कि हमारी रिपोर्ट के मुख्य आरोपों में फर्जी कंपनियों के साथ कई संदिग्ध लेन-देन पर केंद्रित थी - उन सवालों के जवाब पूरी तरह से अनसुलझे रह गए हैं।
हिंडनबर्ग रिसर्च की आज की भाषा काफी तीखी है। उसने सोमवार को कहा -
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मूल मुद्दों से ध्यान हटाने की कोशिश की और इसके बजाय एक राष्ट्रवादी कहानी को हवा दी।
-हिंडनबर्ग रिसर्च, 30 जनवरी 2023 को सोर्सः द हिन्दू
हिंडनबर्ग ने अपने यू.एस.-ट्रेडेड बॉन्ड और गैर-भारतीय-ट्रेडेड डेरिवेटिव इंस्ट्रूमेंट्स के माध्यम से अडानी ग्रुप को घेरा था। अडानी ने अपनी सफाई में कहा है कि हिंडनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में 88 सवालों के जवाब मांगे थे, लेकिन उनमें से 65 मामलों का संबंध अडानी की पोर्टफोलियो कंपनियों से है। उन कंपनियों ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट में हर तथ्य का खुलासा किया है। यूएस के इस व्हिसल-ब्लोअर हिंडनबर्ग ने कहा-
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अडानी समूह हमारे 88 सवालों में से 62 का विशेष रूप से जवाब देने में विफल रहा। जिन सवालों का उसने जवाब दिया, उनमें से अडानी समूह ने आरोपों की बड़े पैमाने पर पुष्टि की या हमारे निष्कर्षों को दरकिनार करने का प्रयास किया।
- हिंडनबर्ग रिसर्च, 30 जनवरी 2023 को सोर्सः द हिन्दू
अडानी की सफाई में 350 से ज्यादा पेजों में कॉन्ट्रैक्ट दस्तावेज, वार्षिक रिपोर्ट, सार्वजनिक खुलासे और पहले के अदालती फैसलों के अंश शामिल थे। हिंडनबर्ग ने कहा- अडानी हमारे 88 सवालों में से 62 का विशेष रूप से जवाब देने में विफल रहे। हिंडनबर्ग ने कहा -
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हमने यह भी ध्यान दिया है कि अडानी एंटरप्राइजेज के हाल ही में सार्वजनिक प्रस्ताव (एफपीओ) में एक ही प्रकार के कई मॉरीशस फंड शामिल हैं जिनका हमने संभावित रूप से इशारा किया था। यह सेबी (भारतीय रेगुलेटर) के नियमों का स्पष्ट उल्लंघन है।
- हिंडनबर्ग रिसर्च, 30 जनवरी 2023 को सोर्सः द हिन्दू
इससे पहले, हिंडनबर्ग ने कहा था कि अगर अडानी यूएसए में मुकदमा फाइल करना चाहता है तो वह कानूनी मुकदमे का "स्वागत" करेगा।
Our Reply To Adani:
— Hindenburg Research (@HindenburgRes) January 30, 2023
Fraud Cannot Be Obfuscated By Nationalism Or A Bloated Response That Ignores Every Key Allegation We Raisedhttps://t.co/ohNAX90BDf
अडानी के लिए आज सोमवार 30 जनवरी का दिन खास है। अडानी ग्रुप की प्रमुख कंपनी को $2.5 बिलियन शेयर बिक्री के साथ एक महत्वपूर्ण दिन का सामना करना पड़ेगा। भारतीय अरबपति के शेयरों में $48 बिलियन की गिरावट आई है, जो यू.एस. शॉर्ट सेलर की रिपोर्ट से शुरू हुई थी।
स्कूल ड्रॉपआउट अडानी के लिए स्टॉक मार्केट मंदी एक नाटकीय झटके के अलावा कुछ नहीं है। अडानी पिछले सप्ताह फोर्ब्स की सूची में सातवें स्थान पर फिसलने से पहले, हाल के वर्षों में दुनिया के तीसरे सबसे अमीर आदमी में शुमार किए गए थे। हाल के अपने दो इंटरव्यू में उन्होंने कहा था कि मोदी जी जब गुजरात के सीएम थे तो उस समय कारोबार खूब फला-फूला। सभी उद्योगों को लाभ मिला, जिसमें अडानी समूह भी था। उन्होंने मोदी से अपने रिश्तों के सवाल पर यह बात कही थी। यानी उनका कहना था कि पीएम मोदी ने उनको कोई अलग से लाभ नहीं पहुंचाया।
अमेरिका की जानी-मानी निवेश शोध फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडानी समूह पर स्टॉक बाज़ार में हेरफेर करने का सनसनीखेज आरोप लगाया था। इसने कहा कि अडानी समूह एक स्टॉक में खुलेआम हेरफेर करने और अकाउंट की धोखाधड़ी में शामिल था। हिंडनबर्ग रिसर्च के इस आरोप पर अडानी समूह ने कहा है कि दुर्भावनापूर्ण, निराधार, एकतरफा और उनके शेयर बिक्री को बर्बाद करने के इरादे ऐसा आरोप लगाया गया है। इसने कहा है कि अडानी समूह आईपीओ की तरह ही फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफ़र यानी एफ़पीओ ला रहा है और इस वजह से एक साज़िश के तहत कंपनी को बदनाम किया जा रहा है।
अमेरिकी फर्म की रिपोर्ट आने के साथ ही अडानी समूह की कंपनियों के शेयरों के दाम तेज़ी से गिरे। अडानी ट्रांसमिशन के शेयर की क़ीमत में पिछले हफ्ते 8.87 फ़ीसदी की गिरावट आई थी। इसी तरह से अडानी पोर्ट्स, अडानी गैस, अडानी विल्मर, अडानी पावर सहित पूरे समूह की कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट रही।
हिंडनबर्ग अमेरिका आधारित निवेश रिसर्च फर्म है जो एक्टिविस्ट शॉर्ट-सेलिंग में एकस्पर्ट है। रिसर्च फर्म ने कहा कि उसकी दो साल की जांच में पता चला है कि “अडानी समूह दशकों से 17.8 ट्रिलियन (218 बिलियन अमेरिकी डॉलर) के स्टॉक के हेरफेर और अकाउंटिंग की धोखाधड़ी में शामिल था।
यह रिपोर्ट अडानी समूह के प्रमुख अडानी एंटरप्राइजेज की 20,000 करोड़ रुपये की फॉलो-ऑन शेयर बिक्री से पहले आई थी। समूह फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफर (एफपीओ) 27 जनवरी से शुरू होगा और 31 जनवरी को बंद होगा। अडानी समूह ने इस रिपोर्ट के बाहर आने पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि इन आरोपों की तथ्यात्मक जांच के लिए समूह से संपर्क किए बिना ही इस रिपोर्ट के बाहर आने से वह हैरान है।
रिसर्च फर्म की रिपोर्ट के मुताबिक अदानी समूह के चेयरमैन गौतम अडानी ने पिछले तीन सालों के दौरान लगभग 120 अरब अमेरिकी डॉलर का लाभ अर्जित किया है जिसमें से अडानी समूह की सात प्रमुख सूचीबद्ध कंपनियों के स्टॉक मूल्य की बढ़ोत्तरी से 100 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक कमाये। जिसमें पिछले तीन साल की अवधि में 819 प्रतिशत तक की बढ़ोत्तरी हुई।
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट कैरेबियाई देशों, मॉरीशस और संयुक्त अरब अमीरात तक फैले टैक्स हैवन देशों में अडानी परिवार के नियंत्रण वाली मुखौटा कंपनियों के नेक्सस का विवरण है। जिसके बारे में दावा किया गया है कि इनका इस्तेमाल भ्रष्टाचार, मनी लॉन्ड्रिंग और करदाताओं की चोरी को सुविधाजनक बनाने के लिए किया जाता है। जबकि धन की हेराफेरी समूह की सूचीबद्ध कंपनियों से की गई थी।
रिपोर्ट में कहा गया है कि हमने अपनी रिसर्च में अडानी समूह के पूर्व वरिष्ठ अधिकारियों सहित दर्जनों व्यक्तियों से बात की, हजारों दस्तावेजों की जांच की और इसकी जांच के लिए लगभग आधा दर्जन देशों में जाकर साइट का दौरा किया। रिसर्च फर्म का दावा है कि अगर आप हमारी जांच के निष्कर्षों को नजरअंदाज करते हैं तो भी आप अडानी समूह की वित्तीय स्थिति को जांचने के लिए समूह की सात 7 प्रमुख सूचीबद्ध कंपनियों का मूल्यांकन करें तो पाएंगे कि उसके फेस वैल्यू से 85 प्रतिशत तक कम है।
समूह की कंपनियों ने पर्याप्त कर्ज भी ले रखा है, इसमें ऋण लेने के लिए अपने बढ़े हुए स्टॉक के शेयरों को गिरवी रखना तक शामिल है। इसने पूरे समूह को अनिश्चित वित्तीय स्थिति में डाल दिया है। अडानी समूह ने कर्ज संबंधी चिंताओं को बार-बार खारिज किया है। इसके मुख्य वित्तीय अधिकारी जुगशिंदर सिंह ने 21 जनवरी को कहा था कि किसी ने भी हमारे सामने कर्ज की चिंता नहीं जताई है, किसी एक निवेशक ने भी नहीं।
फिच ग्रुप का हिस्सा क्रेडिट साइट्स ने पिछले साल सितंबर में अडानी समूह को "ओवरलेवरेज" के रूप में वर्णित किया था। लेकिन बाद में क्रेडिट साइट्स ने कैलकुलेशन की कुछ गलतियों की ठीक किया लेकिन समूह की ऋण संबंधी चिंता को बरकरार रखा था।