+
हिंडनबर्ग असर: अमीरों की सूची में अब 7वें नंबर पर गौतम अडानी 

हिंडनबर्ग असर: अमीरों की सूची में अब 7वें नंबर पर गौतम अडानी 

हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट ने अडानी समूह के शेयरों में अफरा-तफरी ला दी है। समूह की क़रीब सभी कंपनियों के शेयरों पर लोअर सर्किट लग गए हैं। जानिए अडानी समूह के शेयरों के दाम बेतहाशा क्यों गिर रहे हैं?

एशिया और भारत के सबसे अमीर अरबपति गौतम अडानी की संपत्ति में शुक्रवार को तेजी से गिरावट आई। शुक्रवार को वैश्विक अमीरों की सूची में उनकी रैंकिंग सातवें स्थान पर पहुंच गई। फोर्ब्स के रियल टाइम्स बिलियनेयर इंडेक्स के अनुसार अडानी की संपत्ति एक दिन में 22.5 अरब डॉलर से अधिक गिरकर 96.8 अरब डॉलर रह गई। जिसके कारण अडानी अमीरों की सूची में माइक्रोसॉफ्ट के संस्थापक बिल गेट्स से नीचे पहुंच गये हैं। जिनकी संपत्ति अमीरों की सूची में 104.1 बिलियन डॉलर आंकी गई है।

अडानी समूह के स्टॉक की कीमतों में अत्यधिक तेजी के कारण समूह के मुखिया गौतम अडानी पिछले साल दूसरे नंबर पर पहुंच गये थे। वह अभी काफी लंबे समय से तीसरे स्थान पर रहे जिन्हें हाल ही में अमेज़ॅन के संस्थापक जेफ बेजोस ($ 122 बिलियन) द्वारा हटाया दिया गया था। बर्नार्ड अर्नाल्ट (लुई विटन) और उनका परिवार 216.1 अरब डॉलर की संपत्ति के साथ अमीरों की सूची में पहले नंबर पर है,  उसके बाद एलोन मस्क (टेस्ला, स्पेसएक्स, ट्विटर) हैं, जिनकी कुल संपत्ति आखिरी बार 170.1 अरब डॉलर आंकी गई थी।

अडानी समूह के शेयरों के दाम शुक्रवार को धड़ाम गिरे। अडानी समूह की सभी कंपनियों के शेयर पर लोअर सर्किट लगे। समूह ने शुक्रवार को शेयर बाज़ार में लगभग 3.4 लाख करोड़ रुपये से ज़्यादा खो दिए। इससे पहले बुधवार को अडानी के शेयरों में गिरावट से क़रीब 1 लाख करोड़ रुपये की संपत्ति का नुक़सान हुआ था। गणतंत्र दिवस के उपलक्ष्य में गुरुवार को बाजार बंद रहे। बुधवार का यह वही दिन था जब हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट आई थी। उस रिपोर्ट में उसने अडानी समूह पर सनसनीखेज आरोप लगाया है। 

हिंडनबर्ग ने कहा कि अडानी समूह एक स्टॉक में खुलेआम हेरफेर करने और अकाउंट की धोखाधड़ी में शामिल था। हिंडनबर्ग रिसर्च के इस आरोप पर अदानी समूह ने कहा है कि दुर्भावनापूर्ण, निराधार, एकतरफा और उनके शेयर बिक्री को बर्बाद करने के इरादे ऐसा आरोप लगाया गया है। इसने कहा है कि अडानी समूह आईपीओ की तरह ही फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफ़र यानी एफ़पीओ ला रहा है और इस वजह से एक साज़िश के तहत कंपनी को बदनाम किया जा रहा है।

अडानी समूह की इस सफ़ाई के बावजूद कंपनी के शेयरों के दाम लगातार गिर रहे हैं। शेयरों में बिकवाली का दबाव शुक्रवार को दूसरे कारोबारी सत्र में बढ़ गया। अडानी के सभी 10 शेयर रेड जोन में कारोबार कर रहे थे। अडानी टोटल गैस, अडानी ग्रीन एनर्जी और अडानी ट्रांसमिशन के शेयर सबसे बुरी तरह प्रभावित हुए और इनके शेयरों की क़ीमतों में 20-20% तक गिरावट आई। अडानी टोटल गैस शेयर की कीमत दिन के निचले स्तर 2,934.55 रुपये, अडानी ट्रांसमिशन की 2014.20, अडानी ग्रीन एनर्जी की 1486.25 पर आ गई।

अडानी पोर्ट्स और अडानी गैस के शेयरों में भी लोअर सर्किट के स्तर पर 20 फ़ीसदी की गिरावट आई। लेकिन अडानी पोर्ट्स के शेयर की क़ीमतें थोड़ी सुधरीं। अडानी विल्मर और अडानी पावर के शेयरों में भी लोअर सर्किट के स्तर पर 5% की गिरावट आई। अदानी समूह की प्रमुख कंपनी अदानी एंटरप्राइजेज के स्टॉक भी 18.52% गिरे। एनडीटीवी भी 256.35 रुपये पर 5% लोअर सर्किट पर बंद हुआ।

बता दें कि दो दिन पहले ही अमेरिका की जानी-मानी निवेश शोध फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडानी समूह पर स्टॉक बाज़ार में हेरफेर करने का एक सनसनीखेज आरोप लगाया। इसने कहा कि अडानी समूह एक स्टॉक में खुलेआम हेरफेर करने और अकाउंट की धोखाधड़ी में शामिल था। हिंडनबर्ग अमेरिका आधारित निवेश रिसर्च फर्म है जो एक्टिविस्ट शॉर्ट-सेलिंग में एकस्पर्ट है। रिसर्च फर्म ने कहा कि उसकी दो साल की जांच में पता चला है कि “अडानी समूह दशकों से 17.8 ट्रिलियन (218 बिलियन अमेरिकी डॉलर) के स्टॉक के हेरफेर और अकाउंटिंग की धोखाधड़ी में शामिल था।'

यह रिपोर्ट अडानी समूह के प्रमुख अडानी एंटरप्राइजेज की 20,000 करोड़ रुपये की फॉलो-ऑन शेयर बिक्री से पहले आई है। समूह फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफर (एफपीओ) 27 जनवरी से शुरू होगा और 31 जनवरी को बंद होगा।

अडानी समूह इस रिपोर्ट के बाहर आने पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इन आरोपों की तथ्यात्मक जांच के लिए समूह से संपर्क किए बिना ही इस रिपोर्ट के बाहर आने से वह हैरान है।

कांग्रेस ने शुक्रवार को अडानी ग्रुप को लेकर हिंडनबर्ग रिसर्च की एक रिपोर्ट के बाद भारतीय रिजर्व बैंक और भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड यानी सेबी की जाँच की मांग की है। कांग्रेस ने कहा है कि इस मामले की 'गंभीर जांच' होनी चाहिए। हालाँकि अडानी ने हिंडनबर्ग रिसर्च के इन आरोपों को यह कहते हुए खारिज कर दिया है कि यह उसको बदनाम करने के लिए किया गया है। इसने क़ानूनी कार्रवाई की चेतावनी भी दी है। अडानी समूह ने कहा है कि दुर्भावनापूर्ण, निराधार, एकतरफा और उनके शेयर बिक्री को बर्बाद करने के इरादे ऐसा आरोप लगाया गया है।

सत्य हिंदी ऐप डाउनलोड करें