अडानीः कांग्रेस का 6 फरवरी को देशव्यापी प्रदर्शन का ऐलान
अडानी मामले को लेकर कांग्रेस ने 6 फरवरी को जीवन बीमा निगम (एलआईसी) दफ्तरों और भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की शाखाओं के सामने देशव्यापी विरोध प्रदर्शन करने का फैसला किया है।
मीडिया से बात करते हुए, कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा और उन पर अपने "खास दोस्तों" का समर्थन करने के लिए आम लोगों के पैसे का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, कांग्रेस पार्टी ने सोमवार (6 फरवरी) को एलआईसी और एसबीआई दफ्तरों के सामने देश भर के जिलों में राष्ट्रव्यापी आंदोलन करने का फैसला किया है।
रिपोर्टों के अनुसार, विपक्ष इस तर्क का इस्तेमाल कर रहा है कि एसबीआई और एलआईसी जैसे सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में अडानी समूह के निवेश का मध्यम वर्ग की बचत पर बड़ा प्रभाव पड़ा है।
इस बीच, विपक्षी नेताओं ने कहा कि सरकार संसद में इस मुद्दे पर चर्चा नहीं करने दे रही है। इसलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को घेरने के लिए संसद के मंच का इस्तेमाल जारी रहेगा। संसद में हंगामे के बाद संसद के दोनों सदन की कार्यवाही 6 फरवरी तक स्थगित कर दी गई है।
विपक्ष ने अडानी एंटरप्राइजेज के खिलाफ हिंडनबर्ग रिपोर्ट को लेकर केंद्र पर निशाना साधते हुए स्टॉक क्रैश को "अमृत काल में महा घोटाला" करार दिया और इस मुद्दे पर सरकार की "चुप्पी" पर सवाल उठाया।
इससे पहले गुरुवार औऱ शुक्रवार को कांग्रेस और तमाम विपक्षी दलों ने संयुक्त संसद समिति (जेपीसी) या सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में कथित "आर्थिक घोटाले" की जांच की मांग की। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा था कि सार्वजनिक हित को ध्यान में रखते हुए, हम यह जांच चाहते हैं। इस मुद्दे पर जांच की दैनिक रिपोर्टिंग भी होनी चाहिए।
हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट में अडानी समूह की कंपनियों पर हेराफेरी का आरोप लगाया था। हालांकि अडानी ने आरोपों से इनकार किया है। हिंडनबर्ग रिसर्च ने कहा कि अडानी समूह भारत को व्यवस्थित ढंग से लंबे समय से लूट रहा है। हिंडनबर्ग रिपोर्ट आने के बाद अडानी समूह की कंपनियों के शेयर तेजी से गिर गए। अडानी दुनिया के अमीरों की सूची में लुढ़कते हुए 20 टॉप उद्योगपतियों की सूची से भी बाहर हो गए।