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सिद्धांत सूर्यवंशी: जिम जाने वाले क्यों हो रहे हार्ट अटैक का शिकार?

सिद्धांत सूर्यवंशी: जिम जाने वाले क्यों हो रहे हार्ट अटैक का शिकार?

जिम में कसरत करते वक्त दिल का दौरा पड़ना एक गंभीर सवाल है क्योंकि बदलती जीवनशैली में बड़ी संख्या में लोग खुद को फिट रखने के लिए जिम जाते हैं। पिछले कुछ सालों में महानगरों और छोटे शहरों में जिम कल्चर तेजी से बढ़ा है। ऐसे में सिद्धांत की मौत के बाद लोगों के मन में तमाम सवाल हैं।

अभिनेता सिद्धांत वीर सूर्यवंशी को शुक्रवार को उस वक्त दिल का दौरा पड़ा, जब वह जिम में कसरत कर रहे थे। उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां थोड़ी देर बाद उनकी मौत हो गई। उनकी उम्र सिर्फ 46 साल थी। उनकी मौत के बाद यह सवाल एक बार फिर से खड़ा हुआ है कि जिम जाने वाले लोगों को आखिर दिल का दौरा पड़ने की शिकायत क्यों हो रही है। 

कुछ महीने पहले स्टैंड अप कॉमेडियन राजू श्रीवास्तव को जिम में कसरत के दौरान दिल का दौरा पड़ा था और उसके बाद वह कई दिनों तक वेंटिलेटर पर रहे थे और बाद में उन्हें मृत घोषित कर दिया गया था।

जिम में कसरत करने वाले या चुस्त-दुरुस्त रहने वाले लोगों को दिल का दौरा पड़ने या हार्ट अटैक के मामले आखिर क्यों बढ़ते जा रहे हैं। क्या जिम में कसरत करने का सही तरीका नहीं अपनाया जा रहा है? 

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कौन थे सिद्धांत सूर्यवंशी?

सिद्धांत सूर्यवंशी ने अपना फिल्मी करियर बतौर मॉडल शुरू किया था। उन्हें आनंद सूर्यवंशी के नाम से भी जाना जाता था। उन्होंने 2001 में कुसुम धारावाहिक से अपना करियर शुरू किया था। उन्होंने सूफियाना इश्क मेरा, क्यों रिश्तों में कट्टी-बट्टी, कसौटी जिंदगी की, कृष्ण अर्जुन जैसे लोकप्रिय धारावाहिकों में भी काम किया था। 

सिद्धांत के निधन पर बॉलीवुड की तमाम हस्तियों ने दुख जताया है। लेकिन सवाल यही है कि अपनी फिटनेस पर अच्छा-खासा ध्यान देने वाले सिद्धांत को हार्ट अटैक क्यों आया। बीते कुछ महीनों में सोशल मीडिया पर कई ऐसे वीडियो आए हैं जिसमें लोगों को डांडिया खेलते वक्त, किसी रंगमंच पर अभिनय करते वक्त, अखबार पढ़ते वक्त अचानक दिल का दौरा पड़ा और उनकी मौत हो गई। 

लेकिन जिम में कसरत करते वक्त दिल का दौरा पड़ना एक गंभीर सवाल है क्योंकि बदलती जीवनशैली में बड़ी संख्या में लोग खुद को फिट रखने के लिए जिम जाते हैं। पिछले कुछ सालों में महानगरों और छोटे शहरों में जिम कल्चर तेजी से बढ़ा है। ऐसे में सिद्धांत की मौत के बाद उनके मन में तमाम सवाल हैं।

सिद्धार्थ शुक्ला की मौत

बिग बॉस 13 सीजन के विजेता सिद्धार्थ शुक्ला को भी पिछले साल सितंबर के महीने में दिल का दौरा पड़ा था और उनका निधन हो गया था। वह सिर्फ़ 40 साल के थे। बताया गया था कि उन्होंने सोने से पहले कुछ दवाइयां ली थीं और सुबह वह नहीं उठे और अस्पताल लाए जाने से पहले ही उनकी मौत हो चुकी थी। सिद्धार्थ शुक्ला को भी डॉक्टर ने कड़ी कसरत करने से मना किया था, इसके बावजूद सिद्धार्थ हर रोज़ 3-4 घंटे कसरत करते थे।

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पिछले साल अक्टूबर में कन्नड़ फिल्म अभिनेता पुनीत राजकुमार को हार्ट अटैक आ गया था। कुछ रिपोर्टों में कहा गया था कि उनको जिम में कसरत करते हुए हार्ट अटैक आया था। उनको बचाया नहीं जा सका था। वह 46 साल के थे। 

शेन वार्न की मौत

इसी तरह इस साल मार्च में ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर शेन वार्न को हार्ट अटैक से निधन की ख़बर ने दुनिया भर में क्रिकेट प्रेमियों को स्तब्ध कर दिया था। 

पूरी तरह स्वस्थ 52 वर्षीय पूर्व क्रिकेटर शेन वार्न को हार्ट अटैक आने या फिर उनके निधन की वजह क्या थी? इस सवाल को लेकर कई तरह की रिपोर्टें आई थीं। शेन वार्न के मैनेजर ने उनके डायट प्लान यानी खानपान के तौर-तरीक़ों को लेकर चौंकाने वाले खुलासे किए थे। उनका कहना था कि शेन वार्न का डायट प्लान अजीब था और वह दो हफ़्ते से सिर्फ़ लिक्विड यानी तरल पदार्थ ले रहे थे।

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कोरोना के बाद बढ़े मामले

डॉक्टर्स का कहना है कि कोरोना के बाद दिल का दौरा पड़ने के मामलों में उछाल आया है। तिरुवनंतपुरम में पीआरएस अस्पताल के कार्डियोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ. टिनी नायर ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया था कि पहले उनके अस्पताल में दिल का दौरा पड़ने वाले 50 मरीज आते थे लेकिन कोरोना के बाद यह संख्या 60 हो गई है। 

दिल्ली के वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. अमित पेंडारकर ने अमर उजाला को बताया था कि दिल के दौरे से संबंधित मौतों में बढ़ोतरी के लिए कोरोना संक्रमण को प्रमुख कारण के तौर पर देखा जा सकता है। उन्होंने कहा था कि पहले भी हृदय रोग बड़ा संकट रहा है लेकिन कोरोना महामारी के बाद इसके बढ़ते मामलों ने चिंता और बढ़ा दी है। 

सवाल यह उठता है कि आख़िर जिम में कसरत या फिर स्वास्थ्य की देखभाल में ऐसा क्या बदलाव हो रहा है कि दिल का दौरा पड़ने के मामले बढ़ रहे हैं?

इसे लेकर कई बार सचेत किया गया है कि कई बार अनफिट लोग जिम में ज़्यादा पसीना बहाने या खुद को मजबूत शरीर वाला दिखाने के चक्कर में कसरत की सीमाओं को लांघ जाते हैं। शारीरिक क्षमताओं की अनदेखी कर कसरत करना भी कई बार भारी पड़ जाता है। 

यूएस नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ़ हेल्थ में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, ज्यादा कसरत से अचानक कार्डियेक अरेस्ट या अचानक कार्डियक डेथ का ख़तरा बढ़ सकता है।

कहा जाता है कि कई बार गंभीर बीमारियों से पहले शरीर में इसके संकेत मिलने लगते हैं। ऐसे में शरीर में इन्हें नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए। कई रिपोर्टों में कहा गया है कि जिन लोगों को अचानक हार्ट अटैक आता है, उनमें भी ज्यादातर लोग शरीर के संकेतों को नज़रअंदाज़ कर देते हैं। ऐसे मामलों में सलाह दी जाती है कि सांस में तकलीफ होने, सीने में दर्द या ज़्यादा थकान महसूस होने पर डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें।

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