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किसानों के 'सिर तोड़ने' का आदेश देने वाले के ख़िलाफ़ होगी कार्रवाई : चौटाला

किसानों के 'सिर तोड़ने' का आदेश देने वाले के ख़िलाफ़ होगी कार्रवाई : चौटाला

हरियाणा के उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा है कि किसानों का सिर तोड़ने का आदेश देने वाले करनाल एसडीएम के ख़िलाफ़ कार्रवाई की जाएगी। 

हरियाणा के आन्दोलनकारी  किसानों का 'सिर तोड़ने' का आदेश देने वाले करनाल के सब डिवीज़नल मजिस्ट्रेट आयुष सिन्हा के ख़िलाफ़ कार्रवाई की जाएगी। 

उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने यह एलान किया है। 

'एनडीटीवी' के अनुसार चौटाला ने कहा है, "2018 के बैच के आईएएस अफ़सर का वीडियो वायरल हो गया है। उस अफ़सर ने शायद बाद में सफाई दी कि वह दो रात से सोए नहीं थे। पर उन्हें पता होना चाहिए किसान 365 दिन से नहीं सो पाए हैं।" 

चौटाला ने आगे कहा,

कार्रवाई की जाएगी। प्रशिक्षण के दौरान उन्हें संवेदनशील होने का प्रशिक्षण दिया जाता है।


दुष्यंत चौटाला, उप मुख्यमंत्री, हरियाणा

इसके ठीक पहले मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने 'एनडीटीवी' से बात करते हुए कहा था, "सब डिवीजनल मजिस्ट्रेट को तुरत पद से हटा देना चाहिए। वह इस पद के लायक नहीं है, सरकार उनकी मदद कर रही है।" 

सत्यपाल मलिक ने खुद को किसानों का बेटा बताते हुए कहा था, "मनोहर हाल खट्टर को किसानों से माफ़ी माँगनी चाहिए। वे किसानों पर लाठी चला रहे हैं। केंद्र सरकार ने बल का प्रयोग नहीं किया। मैंने वरिष्ठ अधिकारियों से कहा है कि वे बल का प्रयोग न करें।" 

'सिर तोड़ दो'

सोशल मीडिया पर एक वीडियो चल रहा है, जिसमें हरियाणा के करनाल ज़िले के सब डिवीजनल मजिस्ट्रेट आन्दोलनकारी किसानों का सिर फोड़ने का निर्देश पुलिस वालों को देते हुए दिख रहे हैं।वे पुलिस कर्मियों को निर्देश देते हैं कि एक सीमा के आगे किसी किसान को किसी कीमत पर आगे नहीं बढ़ने दिया जाना चाहिए, भले इसके लिए उसका सिर फोड़ना पड़े।

वे कहते हैं, "बात बहुत ही साफ है, जो भी हो, जहां से भी हो, उसे वहां तक पहुँचने की इजाज़त नहीं है। हमें इस लाइन को किसी भी हाल में पार नहीं करने देना है।" 

वह कहते हुए दिखते हैं, "बस लाठी उठाओ और उन्हें ज़ोर से दे मारो। एकदम साफ है, किसी निर्देश की ज़रूरत नहीं है, बस उन्हें बुरी तरह पीटो।"

वीडियो में वे कहते हुए दिखते हैं, 'अगर मुझे वहाँ एक भी प्रदर्शनकारी दिखे, तो मुझे उसका सिर फूटा हुआ दिखना चाहिए, हाथ टूटा हुआ दिखना चाहिए।'

हरियाणा पुलिस ने शनिवार को उन किसानों पर लाठीचार्ज किया, जिन्होंने राजमार्ग पर धरना देकर यातायात रोक दिया था। वहाँ बीजेपी की एक बैठक थी। केंद्र की बीजेपी सरकार जब से नये कृषि क़ानून लेकर आयी है तब से किसान बीजेपी नेताओं का विरोध कर रहे हैं।

बीजेपी नेताओं की बैठकों और सभाओं का विरोध तो वे करते ही रहे हैं, क्षेत्र का दौरा करने आने पर उनका घेराव भी वे करते रहे हैं। शनिवार को जब बीजेपी नेताओं की बैठक हो रही थी तो किसानों ने इसके ख़िलाफ़ भी हाईवे पर जाम लगा दिया। इसी को लेकर एसडीएम ने किसानों पर कार्रवाई का निर्देश दिया।

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