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तृणमूल में अनबन के बीच ममता ने अभिषेक को ही बनाया महासचिव

तृणमूल में अनबन के बीच ममता ने अभिषेक को ही बनाया महासचिव

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उनके भतीजे की टीम के बीच क्या अनबन अब दूर हो गई है? अभिषेक बनर्जी को महासचिव बनाने का क्या मतलब है?

तृणमूल कांग्रेस में अनबन की ख़बरों के बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपने भतीजे अभिषेक बनर्जी को ही पार्टी में नंबर दो की जगह पर रखा है। अभिषेक बनर्जी शुक्रवार को फिर से तृणमूल के महासचिव चुने गए हैं। तो क्या इसका मतलब है कि उन्होंने तृणमूल प्रमुख का विश्वास जीत लिया है? तृणमूल में अनबन की ख़बरों के बीच कुछ दिन पहले ही ममता बनर्जी ने पार्टी की राष्ट्रीय कार्य समिति को भंग कर दिया था। इसके भंग किए जाने से पहले अभिषेक बनर्जी ही पार्टी के महासचिव थे।

अभिषेक बनर्जी को महासचिव पद देने का फ़ैसला आज पार्टी की शीर्ष निर्णय लेने वाली संस्था नई पुनर्गठित राष्ट्रीय कार्य समिति की बैठक के बाद लिया गया। यह बैठक ममता बनर्जी के कोलकाता स्थित आवास पर हुई। एक दिन पहले ही म्यूनिसिपल चुनाव में 4 प्रमुख शहरों में पार्टी ने जबरदस्त जीत दर्ज की है।

अभिषेक बनर्जी के अलावा, तृणमूल प्रमुख ने पूर्वोत्तर में पार्टी की इकाइयों को संभालने के लिए सुष्मिता देव और मुकुल संगमा की नियुक्ति पर भी मुहर लगाई। पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा को उपाध्यक्ष बनाया गया है। इस पद पर पहले तृणमूल के वरिष्ठ नेता सुब्रत बख्शी और चंद्रिमा भट्टाचार्य रहे थे। 

बंगाल के मंत्री अरूप विश्वास को कोषाध्यक्ष और कोलकाता के मेयर फिरहाद हकीम को समन्वय का प्रभारी बनाया गया है।

बता दें कि तृणमूल में अनबन की ख़बरें थीं और कुछ रिपोर्टों में तो अंदरुनी कलह की बात भी कही जा रही थी। ऐसी रिपोर्टें तब आईं जब पार्टी में 'वन मैन, वन पोस्ट' की नीति को बढ़ावा देने के लिए अभिषेक बनर्जी द्वारा दबाव डाले जाने की ख़बर आई। इसको लेकर पार्टी में कुछ नेताओं ने नाराज़गी जताई थी।

ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर के कंसल्टेंसी ग्रुप I-PAC और टीएमसी के बीच में मुख्य संयोजक का काम करते हैं। लेकिन पिछले शुक्रवार को तब विवाद बढ़ा जब टीएमसी की नेता चंद्रिमा भट्टाचार्य ने आरोप लगाया कि प्रशांत किशोर की टीम ने उनके सोशल मीडिया अकाउंट का ग़लत इस्तेमाल किया है। 

भट्टाचार्य ने कहा था कि किशोर की टीम ने चुनाव से पहले उनका ट्विटर अकाउंट बनाया था और शुक्रवार को उनकी मर्जी के बिना इस पर ‘एक व्यक्ति एक पद’ के बारे में पोस्ट कर दिया।

समझा जाता है कि इसी को लेकर अभी कुछ दिन पहले तृणमूल की बैठक हुई थी। इसमें राष्ट्रीय कार्य समिति को भंग कर दिया गया था और नयी कमेटी की घोषणा की गई थी। तब कहा गया था कि यह फ़ैसला पार्टी में 'वन मैन, वन पोस्ट' को लेकर बढ़ते तनाव को दूर करने के लिए लिया गया। 

12 फ़रवरी को बैठक के बाद टीएमसी के वरिष्ठ नेता पार्थ चटर्जी ने कहा था, 'बैठक में टीएमसी अध्यक्ष ममता बनर्जी ने अभिषेक बनर्जी, अमित मित्रा, पार्थ चटर्जी, यशवंत सिन्हा और फिरहाद हकीम सहित 20 सदस्यों वाली पार्टी की एक राष्ट्रीय कार्य समिति का गठन किया है।' 

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