अभिजीत उस जेएनयू के हैं, जिसकी छवि ख़राब की गई : रामचंद्र गुहा
इतिहासकार रामचंद्र गुहा ने अर्थशास्त्र के नोबेल के लिए अभिजीत बनर्जी को चुने जाने पर ट्वीट कर कहा है कि वह उस जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्र हैं, जिसकी छवि काफ़ी ख़राब की गई।
मशहूर इतिहासकार रामचंद्र गुहा ने ट्वीट किया, यह जानकार खुश हुआ कि अभिजीत बनर्जी और एस्थर डफ्लो को अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार मिला है। वे इसके लिए पूरी तरह हक़दार हैं। अभिजीत उस जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के हैं, जिसे काफ़ी बदनाम किया गया। और उनके काम ने कई युाव भारतीय विद्वानों को प्रेरणा दी है।
Delighted to hear that Abhijit Banerjee and Esther Dufflo have won the Nobel Prize for Economics. Richly deserved. Abhijit is a proud graduate of that much-maligned university, JNU, and his work has inspired many younger Indian scholars.
— Ramachandra Guha (@Ram_Guha) October 14, 2019
याद दिला दें कि बीजेपी, राष्ट्रीय स्वयंसवेक संघ, अखिल भारतीय विद्याएर्थी परिषद और उससे जुड़े दूसरे लोगों ने जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय पर तीखे हमले किए थे और उसे इशारों-इशारों में राष्ट्रद्रोहियों का अड्डा तक क़रार दिया था। जेएनयू में कुछ छात्रों ने आतंकवादी अफ़ज़ल गुरु की बरसी पर एक कायक्रम का आयोजन किया था। उसमें कुछ लोगों ने कथित तौर पर नारे लगाए थे, 'भारत तेरे टुकड़े होंगे'। यह आरोप लगाया गया था कि जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार और दूसरे वामपंथी छात्रों ने ये नारे लगाए थे। कन्हैया कुमार और दूसरे छात्रों ने इससे इनकार किया था।
लेकिन इसके बाद जेएनयू बीजेपी-संघ और सरकार के निशाने पर आ गया। उसे देशद्रोहियों का अड्डा बताया गया, उसके छात्रों को 'टुकड़े-टुकड़े गैंग' का सदस्य बताया गया। यह हमला इतना तीखा था कि तमाम टेलीविज़न चैनलों पर यह बहस छाया रहा। बीजेपी के तमाम प्रवक्ता यह बार-बार कहते रहे कि जेएनयू में ऐसे तत्व हैं, उनकी पहचान की जानी चाहिए और उन्हें सज़ा दी जानी चाहिए।
कन्हैया कुमार पर राजद्रोह का मुक़दमा चलाने की माँग इन लोगों ने की। लेकिन चार साल से ज़्यादा का समय बीत जाने के बावजूद कन्हैया कुमार पर अब तक कोई मुक़दमा चालू नहीं किया गया है। यह बात और है कि जेएनयू इन लोगों के निशाने पर है।
इतिहासकार रामचंद्र गुहा ने जब यह कहा कि जेएनयू को काफ़ी बदनाम किया गया तो वह इसी ओर इशारा कर रहे थे।