मोदी के लिए ‘डिवाइडर इन चीफ़’ लिखने वाले आतिश तासीर की नागरिकता रद्द
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए ‘टाइम’ मैगज़ीन में ‘डिवाइडर इन चीफ़’ नाम से लेख लिखने वाले आतिश तासीर की ओवरसीज़ सिटिज़न ऑफ़ इंडिया यानी ओसीआई रद्द कर दिया गया है। गृह मंत्रालय का कहना है कि तासीर ने ओसीआई कार्ड के लिए दिए आवेदन में यह जानकारी छुपाई थी कि उनके पिता पाकिस्तानी मूल के हैं और इसी आधार पर इसे रद्द किया गया है। तासीर ने आरोप लगाया है कि इस मामले में उन्हें सफ़ाई देने का समय नहीं दिया गया। लेकिन गृह मंत्रालय ने उनके इन आरोपों को ख़ारिज कर दिया है और दावा किया है कि उन्हें इसके लिए पूरा मौक़ा दिया गया था।
भले ही तासीर और गृह मंत्रालय के प्रवक्ता एक-दूसरे के ख़िलाफ़ आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हों, लेकिन कुछ लोग इस विवाद को तासीर द्वारा ‘टाइम’ मैगज़ीन में ‘डिवाइडर इन चीफ़’ नाम से लिखे गए लेख से भी जोड़कर देख रहे हैं।
बता दें कि अमेरिका की टाइम मैगज़ीन ने मई अंक के लिए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कवर स्टोरी की थी। मैगज़ीन के कवर पर नरेंद्र मोदी की तसवीर थी और साथ में लिखा था- ‘इंडियाज़ डिवाइडर इन चीफ़’। इस मैगज़ीन की वेबसाइट पर जो स्टोरी प्रकाशित की गई उसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गुजरात के मुख्यमंत्री से देश के प्रधानमंत्री बनने का ज़िक्र है। 2014 में उनकी जीत को 30 सालों में सबसे बड़ी जीत बताया गया है और उसके बाद उनके पाँच साल के कार्यकाल का ज़िक्र है। आतिश तासीर के इस लेख की सबसे ख़ास बात यह है कि इसमें बेरोज़गारी, गाय, लिंचिंग, नोटबंदी, जीएसटी जैसे हर उस मुद्दे को छुआ गया है जो बीते 5 सालों में सरकार की कार्यप्रणाली से प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से जुड़े थे।
इस पूरे मामले पर विवाद हो गया था। एक ओर जहाँ कुछ लोगों का कहना था कि मैगज़ीन ने बिल्कुल सही लिखा है वहीं कुछ लोग इसे मोदी की लोकप्रियता से भी जोड़कर देख रहे थे। कुछ लोगों का मानना था कि लेख एक प्रोपेगेंडा के तहत इसे लिखा गया और इसका उद्देश्य भारत के प्रधानमंत्री की छवि को धूमिल करना था। माना जा रहा था कि राजनीतिक गलियारे में भी इसकी तीखी प्रतिक्रिया हुई थी। बताया जा रहा था कि बीजेपी के बड़े नेताओं ने भी इस पर नाराज़गी जताई थी।
बहरहाल, आतिश तासीर पहले ‘डिवाइडर इन चीफ़’ लिखने की वजह से विवाद के केंद्र में थे और अब ओवरसीज़ सिटिज़न ऑफ़ इंडिया रद्द होने की वजह से। आतीश को भारतीय नागरिक की संतान होने के आधार पर ओसीआई कार्ड जारी किया गया था। बता दें कि तासीर को पहली बार यह कार्ड 1999 में और इसके बाद 2016 में जारी किया गया था। तासीर की माँ तवलीन सिंह वरिष्ठ पत्रकार हैं। आतिश तासीर के पास ब्रिटिश पासपोर्ट और अमेरिका का ग्रीन कार्ड भी है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने दावा किया है कि तासीर को उनके पीआईओ/ओसीआई कार्ड के संबंध में अपना जवाब या आपत्ति दर्ज करने का अवसर दिया गया था, लेकिन उन्होंने इस नोटिस पर कोई संज्ञान नहीं लिया। इसके बाद तासीर भारतीय नागरिकता क़ानून, 1955 के तहत ओसीआई कार्ड धारक रहने के योग्य नहीं रह गए।
Thus, Mr. Aatish Ali Taseer becomes ineligible to hold an OCI card, as per the Citizenship Act, 1955. He has clearly not complied with very basic requirements and hidden information.
— Spokesperson, Ministry of Home Affairs (@PIBHomeAffairs) November 7, 2019
गृह मंत्रालय के ट्वीट का जवाब देते हुए तासीर ने न्यूयॉर्क इंडियन कॉन्सुलेट के जवाब का स्क्रीनशॉट पोस्ट किया। तासीर ने ट्वीट किया, ‘यह सही नहीं है। मेरे जवाब पर यहाँ कॉन्सुल जनरल का संज्ञान है। मुझे पूरे 21 दिन नहीं बल्कि जवाब देने के लिए सिर्फ 24 घंटे मिले। इससे पहले तक मुझे मंत्रालय की तरफ़ से कोई जानकारी नहीं दी गई थी।’
This is untrue. Here is the Consul General’s acknowledgment of my reply. I was given not the full 21 days, but rather 24 hours to reply. I’ve heard nothing from the ministry since. https://t.co/z7OtTaLLeO pic.twitter.com/t3LBWUtkdi
— Aatish Taseer (@AatishTaseer) November 7, 2019
मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि सरकार की तरफ़ से सितंबर में तासीर को नोटिस भेजा गया था। इसमें उन्हें जवाब देने के लिए 21 दिन का समय दिया गया था। तासीर को नोटिस 20वें दिन मिला। इसके बाद 24 घंटे के भीतर तासीर की तरफ़ से जवाब भेजा गया।