विजय नायर कौन हैं, 'आप' में क्यों और कैसे घुसपैठ की?
सीबीआई ने दिल्ली सरकार की शराब नीति और शराब घोटाले को लेकर जो एफआईआर दर्ज की है, उसमें 13 नाम हैं। उन 13 नामों में एक नाम विजय नायर है। विजय नायर की चर्चा मीडिया में बहुत ज्यादा नहीं है। लेकिन विजय नायर के बारे में तमाम दिलचस्प जानकारियां सामने आ रही हैं। जैसे मी टु के आरापों में फंसे इस शख्स ने कैसे आम आदमी पार्टी पर पकड़ बनाई और कैसे आप प्रमुख अरविन्द केजरीवाल तक पहुंचा।
विजय नायर को उस एफआईआर में इवेंट मैनेजमेंट कंपनी ओनली मच लाउडर का सीईओ बताया गया है। लेकिन विजय नायर का यही एक चेहरा नहीं है। दिल्ली में पिछला विधानसभा चुनाव 2020 में हुआ था। उस समय पार्टी कार्यकर्ता तक ठीक से नहीं जानते थे कि विजय नायर किस चिड़िया का नाम है।
लेकिन तथ्य परक रिपोर्टिंग करने वाली कारवां पत्रिका को मालूम था कि विजय नायर कौन है। नवंबर 2018 और 31 अक्टूबर 2019 को कारवां में विजय नायर के उस समय तक के इतिहास में स्टोरी आ चुकी थी। ऐसी खबरें इसलिए सामने लाई जाती हैं कि आदर्शवाद की बात करने वाले राजनीतिक दल सबक लेकर ऐसे तत्वों को पार्टी में नहीं घुसने देंगे जो आगे चलकर पार्टी के लिए मुसीबतें खड़ी कर सकें।
मी टु में आया नाम
कारवां को उस समय आप की वरिष्ठ नेता और प्रवक्ता आतिशी ने बताया था कि विजय नायर पार्टी के 2020 चुनाव के लिए कैंपेन कर रहे हैं। वो अंशकालिक स्वयंसेवक के रूप में काम कर रहे हैं और सोशल मीडिया और पार्टी कार्यक्रमों के आयोजन में "मदद" करते हैं। आतिशी आप की आंतरिक शिकायत समिति की प्रमुख भी हैं, जो कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न की किसी भी औपचारिक शिकायत की जांच करती है। नवंबर 2018 में, कारवां ने नायर के खिलाफ यौन उत्पीड़न और यौन दुराचार के आरोपों पर एक जांच रिपोर्ट छापी थी।नायर पर ओएमएल के सीईओ के रूप में उस समय मी टु के आरोप में भी फंसने का मामला रिपोर्ट हुआ था। द कारवां की रिपोर्ट के मुताबिक विजय नायर ने एक महिला को अपने साथ बाथटब में जाने के लिए कहा था और रात 2 बजे दूसरे से कहा कि उसे मालिश की ज़रूरत है। उसने एक महिला को उसकी सहमति के बिना आपत्तिजनक तस्वीरें भी भेजीं। एक महिला ने द कारवां को बताया था कि काम के दौरान नायर ने उसकी सहमति के बिना उसके साथ यौन संबंध बनाए। नायर के साथ काम करने वाली कई युवतियों ने कहा कि वह उन्हें नियमित रूप से मैसेज करते थे। हालांकि कारवां के इन आरोपों का नायर और ओएमएल ने उस समय खंडन भी किया था।
2018 के मी टु घटनाक्रम के बाद विजय नायर ने आम आदमी पार्टी से निकटता बढ़ानी शुरू की। आप ने इंटरनेट पर प्रचार प्रसार किया था कि कोई भी उनसे जुड़ सकता है। मी टु में आरोपों में घिरे विजय नायर ने भी अपनी कोशिशें पार्टी में बढ़ा दीं। कारवां ने 2019 में विजय नायर को तलाश कर दूसरी स्टोरी करने का फैसला किया। करवां की रिपोर्टर नीलना एमएस ने अक्टूबर 2019 के मध्य में आप के हेड ऑफिस के दौरे के दौरान नायर से मिलीं। उन्होंने रिपोर्टर से कहा कि वो आतिशी से बात करें। रिपोर्टर ने आतिशी से फोन पर बात की, तो उन्होंने पुष्टि की कि नायर आम आदमी पार्टी के साथ काम कर रहे हैं। रिपोर्टर ने मी टु के मामले के बारे में बताया। फिर जांच रिपोर्ट का एक लिंक ईमेल किया, जिसमें आतिशी की प्रतिक्रिया मांगी गई और मामले पर पार्टी के रुख के बारे में पूछताछ की गई। आतिशी ने कारवां को जवाब नहीं दिया।
पार्टी में कब से हैं
यह साफ नहीं है कि नायर कितने समय से आप के साथ या किस हैसियत से काम कर रहे हैं। हालांकि 14 जनवरी 2014 को, टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट बताती है कि विजय नायर पिछले सप्ताह आप में शामिल हुए थे। उसी महीने, आप ने देश भर में अपने राजनीतिक संदेश को ले जाने के लिए संगीत समारोहों और रोड शो के साथ तीन महीने का अभियान शुरू करने की अपनी योजना की घोषणा की थी। रिपोर्ट में कहा गया था कि नायर इस अभियान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।रिपोर्ट में कहा गया था, नायर ने कहा कि वह देश भर के संगीतकारों तक पहुंचेंगे और पार्टी के काम और संदेश को फैलाने के लिए संगीत का इस्तेमाल करेंगे। द क्विंट के साथ दिसंबर 2015 के एक इंटरव्यू में, नायर ने संगीत समारोहों के आयोजन के लिए सिंगल विंडो लाइसेंस सिस्टम लाने के लिए आप सरकार की प्रशंसा की थी। नायर ने आप सरकार के भ्रष्टाचार मुक्त संगठन की सराहना की। द क्विंट ने यह भी बताया था कि नायर के आप के वरिष्ठ नेतृत्व के साथ घनिष्ठ संबंध के लिए जाना जाता है।
आतिशी और अंकित लाल जानते थे
आप के पूर्व आईटी हेड अंकित लाल ने 2019 में कारवां को बताया था कि नायर पार्टी के पुराने समय के सहयोगी हैं और पांच या छह वर्षों से आप के साथ स्वयंसेवक रहे हैं। फोन पर बातचीत के दौरान, आतिशी ने विजय नायर की भूमिका का उल्लेख किया, लेकिन कोई खास विवरण देने से परहेज किया। उन्होंने उस समय बताया था कि वो "सोशल मीडिया" और "ईवेंट्स" पर काम करते हैं।लेकिन नायर के पास उस समय आतिशी या अंकित लाल की तुलना में अधिक जिम्मेदारी थी। 2020 चुनाव के लिए डिजिटल रणनीति पर काम करने के लिए संपर्क की गई एक महिला से कहा गया कि उसे नायर से मिलना होगा, क्योंकि वही पार्टी के लिए सारे प्रबंधन कर रहे हैं।
सत्य कथा
उस महिला ने उस ऑफर को ठुकरा दिया, जब उसे विजय नायर ही को उस टीम का मुखिया होने के बारे में पता चला। महिला ने कारवां को बताया था कि विजय नायर पर आरोपों के कारण मुझे असुविधा थी। मेरे साथियों ने भी अपनी मर्जी से मना कर दिया। आम आदमी पार्टी के तमाम खास लोगों को इस घटनाक्रम की जानकारी थी। लेकिन विजय नायर का बालबांका नहीं हुआ।दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 टर्निंग प्वाइंट
2020 का विधानसभा चुनाव जीतने के साथ विजय नायर जैसे लोगों की चांदी हो गई। पार्टी के एक नेता नाम न छापने की शर्त पर कहते हैं कि विजय नायर आप प्रमुख केजरीवाल और मनीष सिसोदिया के नजदीक पहुंच गया और एक तरह से दिल्ली सरकार की नीतियों को प्रभावित करने लगा।मैं भागा नहींः विजय नायर
दिल्ली की नई शराब नीति का लागू कराने में तमाम आरोपियों के साथ विजय नायर का नाम भी शामिल है। बताया जाता है कि विजय नायर इस समय देश में नहीं है। उनके विदेश भागने की खबरें आईं तो उनका विदेश से बयान आया कि वो भागे नहीं हैं, बल्कि अपने काम के सिलसिले में विदेश आए हुए हैं। उन्होंने इंडिया टुडे से इस बात की पुष्टि की है कि सीबीआई उनके घर भी शुक्रवार को छापा मारने पहुंची थी। मेरे पास अभी तक सीबीआई का कोई नोटिस नहीं आया है। मैं उनके नोटिस का इंतजार कर रहा हूं। मैं विदेश नहीं भागा हूं।एफआईआर में सीबीआई ने विजय नायर का उल्लेख करते हुए कहा है कि इस शख्स ने दो से चार करोड़ रुपये पहुंचाए। एफआईआर में आरोप लगाया है कि शराब कारोबारी समीर महेंद्रु ने दिनेश अरोड़ा के द्वारा चलाई जा रही एक कंपनी को 1 करोड़ रुपये दिए और इसी कारोबारी ने अर्जुन पांडे और उसके सहयोगियों को दो से चार करोड़ रुपए दिए। आरोप है कि ये पैसे विजय नायर ने दिए थे।
एफआईआर में विश्वसनीय सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि विजय नायर, मनोज राय, अमनदीप ढल और समीर समीर महेंद्रु दिल्ली की नई आबकारी नीति बनाने और इसे लागू करने के काम में हुई गड़बड़ियों में शामिल हैं।