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ईडी के निशाने पर अब कौन? जानें आप के कितने नेता जा चुके हैं जेल

ईडी के निशाने पर अब कौन? जानें आप के कितने नेता जा चुके हैं जेल

ईडी ने अरविंद केजरीवाल की 2 नवंबर की पेशी से पहले सुबह उनके मंत्री राज कुमार आनंद के घर की तलाशी ली। क्या सीएम के साथ ही अन्य मंत्री भी निशाने पर? क्या इनकी भी गिरफ़्तारी होगी? जानें अब तक कितने जा चुके हैं जेल।

आम आदमी पार्टी के गठन के 11 साल हुए हैं और 17 से ज़्यादा नेताओं की गिरफ़्तारी हो चुकी है। ये तो वे गिरफ़्तारियाँ हैं जो मंत्री से लेकर सांसद और विधायक रहे हैं। उनसे नीचे के पदों पर हुई गिरफ्तारियाँ इनमें शामिल नहीं हैं। इनमें सबसे ताज़ा गिरफ्तारी राज्यसभा सांसद संजय सिंह की है। उनपर दिल्ली शराब नीति में कथित घपले को लेकर आरोप है। इसी शराब नीति मामले को लेकर कुछ ऐसा ही आरोप पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया पर भी लगा था और वह फिलहाल जेल में हैं। इससे पहले पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन भी गिरफ़्तार किए गए थे और उनको स्वास्थ्य आधार पर जमानत मिली है।

आम आदमी पार्टी में जेल जाने वालों की लंबी फेहरिस्त है। इन सभी नेताओं की अलग-अलग मामलों में गिरफ्तारियाँ हुई हैं। उन्हें भ्रष्टाचार के आरोप से लेकर, फर्जी डिग्री रखने, धार्मिक भावनाएँ भड़काने, दंगे, यौन उत्पीड़न, आत्महत्या के लिए उकसाने जैसे आरोप लगे हैं। अधिकतर में आरोप बीजेपी या केंद्र सरकार की ओर से लगे हैं और आप बदले की कार्रवाई का आरोप लगाती रही है। आप का दावा रहा है कि बीजेपी आरोप साबित नहीं कर पाती है और परेशान करने के लिए उसके नेताओं को फँसाती रही है। 

संजय सिंह की गिरफ्तारी

कथित दिल्ली शराब घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग मामले में राज्यसभा सांसद संजय सिंह को ईडी ने गिरफ्तार किया। गुरुवार को राउज एवेन्यू कोर्ट ने संजय सिंह को 10 अक्टूबर तक ईडी की रिमांड पर भेज दिया है। ईडी ने कोर्ट के समक्ष तर्क दिया कि इस केस में सबूत के तौर पर डिजिटल डाटा निकालना है, साथ ही संजय सिंह को दूसरे आरोपियों के साथ बिठाकर पूछताछ करनी है इसलिए उन्हें रिमांड पर दिया जाये। 

संजय सिंह की गिरफ्तारी पर दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल ने इसके पीछे भाजपा और पीएम मोदी का हाथ होने का आरोप लगाया है। अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार को कहा है कि "ये लोग सारे झूठे केस लगा रहे हैं। इतने केस लगा लिए, इतनी जांच कर ली लेकिन कुछ निकलता तो है नहीं।"

मनीष सिसोदिया को जेल

सीबीआई ने फ़रवरी महीने में आप नेता और तत्कालीन उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को और फिर उसके अगले महीने ईडी ने गिरफ्तार किया था। उनपर भी दिल्ली शराब नीति मामले में आरोपी बनाया गया। गिरफ़्तारी के आठ महीने बाद भी कोई सबूत नहीं होने को लेकर सवाल उठ रहे हैं। दो दिन पहले सुप्रीम कोर्ट ने सिसोदिया मामले में जांच एजेंसियों- ईडी और सीबीआई से पूछा, 'सबूत कहां है? आपको घटनाओं की श्रृंखला को स्थापित करना होगा। अपराध के घटनाक्रमों की जानकारी कहाँ है?' 

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शीर्ष अदालत ने कहा, 'ऐसा लगता है कि मनीष सिसोदिया इस मामले में शामिल नहीं हैं। विजय नायर हैं, लेकिन मनीष सिसोदिया नहीं। आपने उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत कैसे लाया? पैसा उनके पास नहीं जा रहा है।' उनकी जमानत पर अगली सुनवाई अब अगले गुरुवार को होगी।

सत्येंद्र जैन को जेल

दिल्ली के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन को ईडी ने पिछले साल गिरफ्तार किया था। कोलकाता की एक कंपनी से जुड़े हवाला लेनदेन के एक मामले में उनकी गिरफ्तारी हुई। सत्येंद्र जैन के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का वह मामला 2017 में सीबीआई की तरफ से दायर एक केस से जुड़ा है। ईडी का कहना है कि सत्येंद जैन ने इन पैसों का इस्तेमाल जमीन खरीदने, दिल्ली के नजदीक एक फार्म लैंड खरीदने और अपना कर्ज उतारने के लिए किया।

पंजाब में विजय सिंगला गिरफ़्तार

पिछले साल पंजाब में भी आप के एक मंत्री विजय सिंगला की गिरफ्तारी हुई थी। उनको भ्रष्टाचार के आरोप में पद से बर्खास्त कर दिया गया था और फिर पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। इसमें ख़ास बात यह थी कि खुद आप ने ही यानी पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने सिंगला पर कार्रवाई की थी और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से जारी सभी टेंडरों पर एक पर्सेंट कमीशन लेने के आरोप में सिंगला के खिलाफ मामला दर्ज करवाया था। 

सोमनाथ भारती

आप नेता और दिल्ली के पूर्व कानून मंत्री सोमनाथ भारती को उनकी पत्नी की हत्या की कोशिश और घरेलू हिंसा के मामले में दिल्ली पुलिस ने 2015 में गिरफ्तार किया था। उनके ख़िलाफ़ उनकी पत्नी ने ही आरोप लगाया था। 

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दिल्ली के पूर्व कानून मंत्री जितेंद्र सिंह तोमर को फर्जी डिग्री रखने के आरोप में 2015 में गिरफ्तार किया गया था। उन्हें कई दिनों तक तिहाड़ जेल में रहना पड़ा था।

कई विधायकों की गिरफ़्तारियाँ

विधायक अमानतुल्ला खान को एक महिला को बलात्कार और हत्या से डराने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। बाद में उन्हें जमानत मिल गई। विधायक नरेश यादव को जून 2016 में पंजाब के मलेरकटोला में पवित्र कुरान का अपमान करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। बाद में उन्हें जमानत मिल गई। आप विधायक डॉ. बलबीर सिंह को 11 साल पुराने हमले के एक मामले में पंजाब की एक अदालत ने तीन साल जेल की सजा सुनाई थी। तब उन्हें जमानत भी मिल गयी थी।

आप विधायक अखिलेश त्रिपाठी को दंगे से जुड़े एक मामले में गिरफ्तार किया गया था। बाद में गवाहों के मुकर जाने के कारण उन्हें बरी कर दिया गया था। जनसत्ता की रिपोर्ट के अनुसार विधायक महेंद्र यादव को दंगा करने और एक लोक सेवक पर हमला करने के मामले में गिरफ्तार किया गया था। बाद में उन्हें जमानत दे दी गयी थी।

आप विधायक जगदीप सिंह को मई 2016 में मारपीट के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। उन्हें बाद में जमानत दे दी गई थी। विधायक सुरिंदर सिंह को एनडीएमसी के एक अधिकारी पर जातिवादी टिप्पणी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। पूर्व विधायक मनोज कुमार को धोखाधड़ी और जमीन हथियाने के एक मामले में 2015 में गिरफ्तार किया गया था। वह जमानत पर बाहर हैं।

आप दिनेश मोहनिया को छेड़छाड़ और यौन उत्पीड़न के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। वह जमानत पर हैं। नरेला विधायक शरद चौहान को पार्टी के एक कार्याकर्ता को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। वह जमानत पर हैं। विधायक प्रकाश जरवाल को एक महिला से छेड़छाड़ के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। उनको एक कर्मचारी को कथित तौर पर थप्पड़ मारने के आरोप में भी गिरफ्तार किया गया था।

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