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दक्षिणपंथियों के निशाने पर रहे आमिर ने की पीएम के 'मन की बात' की तारीफ़

दक्षिणपंथियों के निशाने पर रहे आमिर ने की पीएम के 'मन की बात' की तारीफ़

अक्सर दक्षिणपंथियों के निशाने पर रहने वाले आमिर ख़ान ने प्रधानमंत्री मोदी के 'मन की बात' की तारीफ़ क्यों की? 

अभिनेता आमिर खान बुधवार को 'मन की बात @100 पर राष्ट्रीय सम्मेलन' में शामिल हुए। यह प्रधानमंत्री मोदी के 100वें 'मन की बात' कार्यक्रम के मौक़े पर आयोजित किया गया था। आमिर ख़ान न केवल उस कार्यक्रम में शरीक हुए, बल्कि उन्होंने कार्यक्रम से इतर बातचीत में मन की बात की तारीफ़ भी की। उन्होंने कहा कि 'मन की बात' संचार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है जिसके माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नागरिकों से जुड़ते हैं।

एक बार असहिष्णुता को लेकर दिए बयान को लेकर सुर्खियों में रहे आमिर ख़ान जिस एक दिवसीय सम्मेलन में शामिल हुए उसका उद्घाटन नई दिल्ली में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने किया। इसमें केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर गेस्ट ऑफ़ ऑनर के रूप में शामिल हुए थे। प्रधानमंत्री मोदी के मासिक रेडियो कार्यक्रम की 100वीं कड़ी 30 अप्रैल को प्रसारित होने वाली है।

यह वही आमिर ख़ान हैं जिनके विज्ञापन को लेकर एक बीजेपी सांसद ने हंगामा मचाया था और उनपर हिंदू विरोधी भावना रखने का आरोप लगाया था। एक बार उनके फिल्म का बहिष्कार भी किया गया था। 

पिछले साल आमिर खान की फिल्म लाल सिंह चड्ढा के रिलीज होने से पहले बहिष्कार किया गया था। ट्विटर पर ट्रेंड कराने वालों में तब दक्षिणवंथी विचार वाले लोग थे। तब आमिर ने कहा था, 'वो लोग बॉलीवुड का बहिष्कार कर रहे हैं। आमिर खान का बहिष्कार कर रहे हैं। लाल सिंह चड्ढा का बहिष्कार कर रहे हैं। मैं दुखी हूं। बहुत से लोग जो यह कह रहे हैं कि मैं ऐसा व्यक्ति हूं जो भारत को पसंद नहीं करता है, यह बिल्कुल असत्य है।' आमिर ने आगे कहा था, 'मैं वाकई देश से प्यार करता हूं। मैं ऐसा ही हूं। अगर कुछ लोग ऐसा महसूस करते हैं तो यह दुर्भाग्यपूर्ण है।'

दरअसल, आमिर का विरोध उस मामले में किया गया था जिसमें उन्होंने देश में असहिष्णुता को लेकर एक बयान दिया था। रामनाथ गोयनका पुरस्कार वितरण कार्यक्रम में नवंबर 2015 में आमिर ने कहा था, 'एक व्यक्ति के तौर पर, एक नागरिक के रूप में इस देश के हिस्से के तौर पर हम समाचार पत्रों में पढ़ते हैं कि क्या हो रहा है, हम इसे समाचारों में देखते हैं और निश्चित तौर पर मैं चिंतित हुआ हूं। मैं इससे इनकार नहीं कर सकता। मैं कई घटनाओं से चिंतित हुआ हूँ।' उन्होंने कहा था, 

मैं जब घर पर किरण के साथ बात करता हूँ, वह कहती हैं कि 'क्या हमें भारत से बाहर चले जाना चाहिए?' किरण का यह बयान देना एक दुखद एवं बड़ा बयान है। उन्हें अपने बच्चे की चिंता है। उन्हें भय है कि हमारे आसपास कैसा माहौल होगा। उन्हें हर दिन अखबार खोलने में डर लगता है।


आमिर ख़ान (2015 में)

आमिर ख़ान का यह बयान तब आया था जब लिंचिंग के मामले आ रहे थे और असहिष्णुता को लेकर मोदी सरकार की आलोचना की जा रही थी।

इस बीच 2021 में आमिर के एक विज्ञापन पर भी बवाल मचाया गया था। वह विज्ञापन सीएट टायर से जुड़ा था जिसमें आमिर ख़ान कहते सुनाई दिए थे कि पटाखे जलाने हैं तो सड़क पर नहीं, सोसाइटी में जलाओ। सोशल मीडिया पर इसके बहिष्कार किए जाने की पोस्टें की गई थीं। बीजेपी सांसद अनंत कुमार हेगड़े ने भी इसको लेकर आपत्ति जताई थी। उन्होंने सीएट कंपनी से कहा था कि कंपनी 'नमाज के नाम पर सड़कों को अवरुद्ध करने और अज़ान के दौरान मसजिदों से निकलने वाले शोर की समस्या' को भी उठाए करे।

बहरहाल, अब आमिर ख़ान ने मन की बात कार्यक्रम को लेकर पीटीआई से कहा, 'यह संचार का एक बहुत महत्वपूर्ण हिस्सा है जो देश का नेता महत्वपूर्ण मुद्दों पर लोगों के साथ चर्चा करता है, आगे के विचार रखता है, सुझाव देता है, नेतृत्व करता है..."। उन्होंने आगे कहा, 'इस तरह संचार से आप नेतृत्व करते हैं। आप अपने लोगों को बताते हैं कि आप क्या देख रहे हैं, आप भविष्य को कैसे देख रहे हैं, आप उसमें अपना समर्थन कैसे चाहते हैं। यह एक महत्वपूर्ण संचार है जो 'मन की बात' में होता है।'

यह पूछे जाने पर कि क्या पीएम मोदी रेडियो कार्यक्रम में केवल अपने 'मन की बात' के बारे में बात करते हैं, बॉलीवुड सुपरस्टार ने कहा, 'मुझे लगता है कि यह उनका विशेषाधिकार है क्योंकि वह ऐसा कर रहे हैं... यह देश भर के लोगों से जुड़ने के लिए उनके सुनने का तरीका है कि लोगों को क्या कहना है। मुझे लगता है कि यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण पहल है।'

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