9 मैतेई उग्रवादी समूहों पर 5 वर्ष के लिए लगाया गया प्रतिबंध
केंद्र सरकार ने सोमवार को 9 मैतेई उग्रवादी समूहों और उनके सहयोगी संगठनों पर 5 वर्ष के लिए प्रतिबंध लगा दिया है। यह प्रतिबंध उनकी राष्ट्रविरोधी गतिविधियों और सुरक्षा बलों पर घातक हमलों के कारण लगाया गया है।
ये 9 समूह मणिपुर में सक्रिय हैं। प्राप्त जानकारी के मुताबिक यह प्रतिबंध सोमवार 13 नवंबर 2023 से ही लागू होगा। गृह मंत्रालय द्वारा जारी एक अधिसूचना के मुताबिक, जिन समूहों को पांच साल के लिए प्रतिबंधित किया गया है, उनमें पीपुल्स लिबरेशन आर्मी, जिसे आम तौर पर पीएलए के नाम से जाना जाता है, और इसकी राजनीतिक शाखा, रिवोल्यूशनरी पीपुल्स फ्रंट (आरपीएफ), यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट (यूएनएलएफ) और इसकी सशस्त्र शाखा मणिपुर पीपुल्स आर्मी (एमपीए)।
पीपुल्स रिवोल्यूशनरी पार्टी ऑफ कांगलेईपाक (पीआरईपीएके) और इसकी सशस्त्र शाखा रेड आर्मी, कांगलेईपाक कम्युनिस्ट पार्टी (केसीपी) और इसकी सशस्त्र शाखा (जिसे रेड आर्मी भी कहा जाता है), कांगलेई याओल कनबा लुप (केवाईकेएल), समन्वय समिति (कोरकॉम) ) और एलायंस फॉर सोशलिस्ट यूनिटी कंगलेइपाक (एएसयूके) शामिल हैं।
इसमें केसीपी, पीएलए, यूएनएलएफ, पीआरईपीएके, केवाईकेएल को कई साल पहले ही गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 (1967 का 37) के तहत गृह मंत्रालय द्वारा प्रतिबंधित घोषित किया गया था। सरकार की इस नई कार्रवाई ने प्रतिबंध को पांच साल तक बढ़ा दिया है। वहीं इस लिस्ट में मौजूद शेष संगठनों को अब प्रतिबंधित किया गया है।
इन पर तत्काल अंकुश और नियंत्रण जरुरी है
प्रतिबंधों को लेकर जारी अपनी अधिसूचना में, गृह मंत्रालय ने बताया है कि केंद्र सरकार का मानना है कि इन मैतेई चरमपंथी संगठनों पर तत्काल अंकुश और नियंत्रण करना जरुरी है।अगर ऐसा नहीं किया गया तो इन्हें अपनी अलगाववादी,विध्वंसक, आतंकवादी और हिंसक गतिविधियों को बढ़ाने के लिए अपने कैडरों को संगठित करने का मौका मिल जायेगा।
ये संगठन भारत की संप्रभुता और अखंडता के लिए हानिकारक ताकतों के साथ मिलकर राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों का प्रचार करेंगे। इस अधिसूचना में कहा गया है कि ये संगठन नागरिकों की हत्याओं में शामिल हो सकते हैं, इन पर तत्काल अंकुश नहीं लगाया गया तो ये पुलिस और सुरक्षा बल के जवानों को निशाना बनाएंगे।
इन पर प्रतिबंध नहीं लगाया गय तो ये अंतरराष्ट्रीय सीमा पार से अवैध हथियार और गोला-बारूद खरीदेंगे और जबरन वसूली कर सकते हैं। ये संगठन अपनी गैरकानूनी गतिविधियों के लिए जनता से भारी धन जुटा सकते हैं।
गृह मंत्रालय की अधिसूचना के मुताबिक मैतेई उग्रवादी समूह जनता की राय को प्रभावित कर सकते हैं। अपने अलगाववादी मकसद को प्राप्त करने के लिए ये हथियारों और गोला-बारूद की गुप्त खरीद के लिए विदेशी सूत्रों से संपर्क बना रहे हैं।
मणिपुर के इन मैतेई उग्रवादी समूहों की गतिविधियों को भारत की संप्रभुता और अखंडता के लिए हानिकारक माना जाता है। ऐसे में वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए केंद्र सरकार की राय है कि इन मैतेई उग्रवादी समूह को प्रतिबंधित करना जरूरी है।