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संसद का निलंबन सत्र? आज 49 सांसद निलंबित, अब तक 141 बाहर

संसद का निलंबन सत्र? आज 49 सांसद निलंबित, अब तक 141 बाहर

संसद में विपक्षी इंडिया की ताकत मंगलवार को और कम हो गई। जानिए, अब सरकार ने संसद में क्या किया। 

संसद से मंगलवार को 49 और विपक्षी सांसदों को निलंबित कर दिया गया है। इन पर अनियमित व्यवहार का आरोप है। एक दिन पहले ही 78 सांसदों को निलंबित कर दिया गया था। इससे पहले इसी सत्र में 14 सांसदों का निलंबन हुआ था। इस तरह इस सत्र में कुल मिलाकर अब तक 141 सांसदों का निलंबन हो चुका है। पिछले सप्ताह से ही संसद में सुरक्षा चूक को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान की मांग को लेकर विपक्ष विरोध-प्रदर्शन कर रहा है। ये कार्रवाइयाँ संसद में हंगामे को लेकर की गईं।

मंगलवार को जिन सांसदों पर कार्रवाई की गई है उनमें नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला, कांग्रेस नेता शशि थरूर, मनीष तिवारी और कार्ति चिदंबरम, एनसीपी की सुप्रिया सुले और समाजवादी पार्टी की डिंपल यादव, दानिष अली उन सांसदों में शामिल हैं, जिन्हें लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने मंगलवार को कार्यवाही बाधित करने के लिए निलंबित कर दिया है। केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल द्वारा सांसदों के निलंबन के लिए प्रस्ताव पेश किए जाने के बाद यह कार्रवाई की गई। 

संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान पिछले हफ्ते बुधवार को दो युवक लोकसभा के अंदर घुस गए थे और धुआं छोड़ा था। इसे बहुत बड़ी सुरक्षा सेंध माना गया। विपक्ष ने गुरुवार और शुक्रवार को इस मुद्दे पर दोनों सदनों में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान की मांग की। सरकार ने दोनों सदनों में इस पर चर्चा नहीं होने दी तो हंगामा हुआ। लोकसभा स्पीकर ने खराब आचरण का आरोप लगाते हुए लोकसभा में इंडिया गठबंधन के 13 सांसदों और राज्यसभा में टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन को शेष सत्र के लिए सदन से निष्कासित कर दिया था। 

सोमवार को जब सत्र शुरू हुआ तो हंगामा जारी रहा और इस बीच 78 सांसदों को निलंबित कर दिया गया। इसमें से 33 लोकसभा के और 45 राज्यसभा के सांसद थे। एक दिन में इतनी ज़्यादा संख्या में सांसदों का निलंबन संसद के इतिहास में पहली बार हुआ। सोमवार तक कुल 92 सांसदों को निलंबित किया जा चुका था।

जब मंगलवार को कार्यवाही शुरू हुई तो विपक्षी दलों के नेताओं ने अपना विरोध-प्रदर्शन जारी रखा। इस वजह से पहले लोकसभा को पहले दोपहर 12:30 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया था। बाद में भी जब सदन शुरू हुआ तो विपक्षी सांसदों ने संसद सुरक्षा चूक पर पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के बयान के लिए दबाव डाला। उन्होंने तख्तियां दिखाईं और नारे लगाए- 'पीएम सदन में आओ। गृह मंत्री इस्तीफा दें।' इस बीच संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि विपक्ष हालिया विधानसभा चुनावों में हार से नाराज है।

कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा कि सरकार से जवाबदेही की मांग करने पर उन्हें और उनकी पार्टी के सहयोगियों को अनुचित तरीके से लोकसभा से निलंबित कर दिया गया।

थरूर ने ट्वीट किया, 'मेरे लगभग 15 वर्षों के संसदीय करियर में पहली बार मैं भी हालिया सुरक्षा उल्लंघन पर चर्चा के लिए एक तख्ती लेकर सदन के वेल में प्रवेश किया। मैंने अपने इंडिया गठबंधन के सहयोगियों के साथ एकजुटता दिखाते हुए ऐसा किया, जो सरकार से जवाबदेही की मांग करने के लिए अनुचित तरीके से निलंबित कर दिए गए हैं। मुझे उम्मीद है कि निलंबन का पालन किया जाएगा। एक अनुचित प्रक्रिया द्वारा बाहर किया जाना सम्मान का प्रतीक है।'

'नई संसद को लोकतंत्र का कब्रिस्तान बनाना चाहती है सरकार'

शिरोमणि अकाली दल की नेता हरसिमरत कौर बादल ने सांसदों को निलंबित किए जाने पर नाराजगी व्यक्त की और सरकार पर आरोप लगाया कि वह नई संसद को लोकतंत्र का कब्रिस्तान बनाना चाहती है। उन्होंने एएनआई से कहा, 'मेरे पास शब्द नहीं हैं। इस नए संसद भवन के निर्माण से पहले उन्होंने क्या सोचा था? वे इसे लोकतंत्र का कब्रिस्तान बनाना चाहते हैं। आपने पूरे विपक्ष को बाहर कर दिया है। सुरक्षा उल्लंघन करने के आरोपियों को पास जारी करने वाले सांसद के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है। नई संसद के लिए एक नया नियम तय किया जा रहा है - नींद की गोलियाँ खाएँ और यहाँ आएँ क्योंकि आपको अपना मुँह खोलने और सवाल पूछने की अनुमति नहीं है।'

प्रदर्शन कर रहे सांसदों की आलोचना करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कुछ लोगों की किस्मत में रचनात्मक काम करना नहीं लिखा है और अगर वे अपनी हरकतें जारी रखेंगे तो मौजूदा संख्या में भी लोकसभा में नहीं लौटेंगे।

पीएम मोदी संसदीय दल की बैठक में भाजपा सांसदों को संबोधित कर रहे थे। समझा जाता है कि पीएम मोदी ने उनसे कहा कि उन्हें विपक्ष की नौटंकी से घबराना नहीं चाहिए।

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