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कोरोना: 24 घंटे में संक्रमण के 3900 मामले, 195 लोगों की मौत; चिंताजनक हालात

कोरोना: 24 घंटे में संक्रमण के 3900 मामले, 195 लोगों की मौत; चिंताजनक हालात

मई का महीना शुरू होते ही कोरोना संक्रमण ने भारत में रफ़्तार पकड़ ली है। बीते 24 घंटे में कोरोना संक्रमण के 3900 मामले सामने आए जबकि 195 लोगों की मौत हो गई। 

मई का महीना शुरू होते ही कोरोना संक्रमण ने भारत में रफ़्तार पकड़ ली है। बीते 24 घंटे में कोरोना संक्रमण के 3900 मामले सामने आए जबकि 195 लोगों की मौत हो गई। यह आंकड़े हालात के बेहद ख़राब होने की ओर इशारा करते हैं। यह अब तक का एक दिन में संक्रमण और मौतों का सबसे बड़ा आंकड़ा है। देश में अब तक कुल संक्रमितों का आंकड़ा बढ़कर 46,433 हो गया है और 1,568 लोगों को जान गंवानी पड़ी है।

4 दिन में 11 हज़ार से ज़्यादा मामले 

भारत में 1 मई को कोरोना संक्रमण के 2,293 मामले सामने आए थे और 71 लोगों की मौत हुई थी। 2 मई को 2644 मामले सामने आए थे। 3 मई को कोरोना संक्रमण के 2553 मामले सामने आए थे और 72 लोगों की मौत हुई थी। लेकिन अब जो 4 मई का आंकड़ा आया है, वह बेहद ख़तरनाक है। 

महाराष्ट्र, गुजरात सबसे ज़्यादा प्रभावित 

महाराष्ट्र सबसे ज़्यादा प्रभावित राज्य है, जहां अब तक संक्रमण के 14, 541 मामले सामने आ चुके हैं और 583 लोगों की जान जा चुकी है। महाराष्ट्र में भी मुंबई की हालत बेहद ख़राब है। महाराष्ट्र के बाद गुजरात का नंबर है जहां 5,804 लोग संक्रमित हैं जबकि 319 लोगों की मौत हो चुकी है। 

मध्य प्रदेश में 2,942 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हैं जबकि 165 लोगों की मौत हुई है, राजस्थान में 3,099 लोग संक्रमित हैं और 77 लोगों की मौत हो चुकी है। दिल्ली की भी हालत ख़राब है और यहां अब तक 4,898 लोग संक्रमित हो चुके हैं जबकि 64 लोगों की मौत हुई है। आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल, पंजाब और तेलंगाना में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा 1000 से ज़्यादा हो चुका है। 

जब इतने सारे राज्यों में संक्रमण के मामले लगातार आ रहे हैं तो ऐसे में लॉकडाउन 3.0 में शराब की दुकानें खोल देना, कुछ और गतिविधियों को शुरू करना ख़तरे से खाली नहीं है। ये हालात तब हैं, जब भारत में 85 हज़ार टेस्ट हर दिन हो रहे हैं। जबकि नोबेल पुरस्कार विजेता और अर्थशास्त्री अभिजीत बनर्जी कह चुके हैं कि कम से कम 5 लाख टेस्ट हर दिन होने चाहिए। 

तेज़ रफ़्तार से बढ़ते कोरोना के मामलों के बीच देश भर में शराब की दुकानों पर उमड़ रही भीड़, कोरोना संक्रमण के फैलने को दावत दे रही है। इस भीड़ ने सोशल डिस्टेंसिंग की तो ऐसी-तैसी की ही है, सरकार और प्रशासन भी उन्हें क़ाबू करने में फ़ेल साबित हुआ है।

सरकार और प्रशासन ने जब शराब की दुकानें खोलने का फ़ैसला लिया था तो क्या उन्हें आभास नहीं था कि डेढ़ महीने से दुकान खुलने का इंतजार कर रहे लोग बड़ी संख्या में सड़कों पर निकल पड़ेंगे। ऐसे में हालांकि क़ीमतें बढ़ाकर कुछ राज्य सरकारों ने बेहिसाब ख़रीदारी पर रोक लगाने की कोशिश की है। 

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