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23 बच्चों को बंधक रखने वाला 10 घंटे में ढेर, सभी बच्चे सुरक्षित

23 बच्चों को बंधक रखने वाला 10 घंटे में ढेर, सभी बच्चे सुरक्षित

उत्तर प्रदेश के फर्रूखाबाद में 23 बच्चों को दिनभर बंधक बनाने वाले 38 वर्षीय शख्स को गुरुवार देर रात को मार गिराया गया और सभी बच्चों को छुड़ा लिया गया।

उत्तर प्रदेश के फर्रूखाबाद में 23 बच्चों को दिनभर बंधक बनाने वाले 38 वर्षीय शख्स को गुरुवार देर रात को मार गिराया गया और सभी बच्चों को छुड़ा लिया गया। क़रीब दस घंटे तक उन्हें बंधक बनाए रखा गया। इसमें एक छह माह का बच्चा भी था। पुलिस के अनुसार शख्स ने बर्थडे पार्टी का बहाना कर अपने आसपड़ोस के बच्चों को बुलाया था और बंधक बना लिया था और जब उससे बातचीत करने की कोशिश की गई तो उसने गोली चलानी शुरू कर दी थी। 

पुलिस के अनुसार बंधक बनाने वाले की पहचान कथरिया गाँव के रहने वाले सुभाष बाथम के रूप में हुई है। वह हत्या के मामले में आरोपी था और वह ज़मानत पर बाहर आया था। उसके ख़िलाफ़ चार एफ़आईआर दर्ज हैं। मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि उसने अपनी पत्नी और एक साल बेटी को भी बंधक बना लिया था। पुलिस का दावा है कि उसने बच्चों को छोड़ने के लिए कोई माँग नहीं रखी थी। 

आसपड़ोस के लोगों को तब पता चला कि उनके बच्चों को बंधक बनाया गया है जब काफ़ी देर के बाद भी उनके बच्चे वापस नहीं लौटे और वे आरोपी के घर पर पहुँचे। उन्होंने दरवाज़ा खोलने के लिए खटखटाया तो आरोपी ने गालियाँ देनी शुरू कर दीं। जब उन्होंने दरवाज़ा पर धक्का देना शुरू किया तो आरोपी ने फ़ायरिंग कर दी। आरोपी के घर के बाहर लोगों की भीड़ लग गई। पुलिस को बुलाया गया। जब घर के बाहर भीड़ इकट्ठी हो गई तो बाथम ने कथित रूप से घर के अंदर से फ़ायरिंग की। इसमें एक व्यक्ति घायल हो गया। पुलिस का कहना है कि बाहर इकट्ठे हुए लोगों पर क्रूड बम भी फेंका गया। पत्थर फेंकने से दो पुलिस कर्मियों को चोटें आईं। एंटी टेररिज़्म स्क्वाड को भी मौक़े पर भेजा गया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूरे घटनाक्रम पर नज़र रखी।

'द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार कानपुर रेंज के इंस्पेक्टर जनरल मोहित अग्रवाल सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौक़े पर पहुँचे। पुलिस के अनुसार गुरुवार शाम तक उसने बच्चों को छोड़ने के लिए कोई माँग नहीं रखी थी। 'एनबीटी' की रिपोर्ट के अनुसार आरोपी के दोस्तों के ज़रिए पुलिस ने उससे बातचीत की। उसे बच्चों को छोड़ने के लिए मनाया जा रहा था जिसके बाद उसने 10 महीने के एक बच्चे को बाहर भेज दिया था। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इसके साथ ही उसने अपनी माँगों वाला एक खत भी भेजा था। रिपोर्ट के अनुसार खत में उसने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर और टॉइलट जैसी सहूलियतें देने से अधिकारियों ने इनकार कर दिया था। 

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