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2024ः बीजेपी की नजर अब 160 मुश्किल सीटों पर

2024ः बीजेपी की नजर अब 160 मुश्किल सीटों पर

2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर बीजेपी जबरदस्त तैयारी कर रही है। उसने मुश्किल सीटों की तादाद बढ़ाकर 160 कर दी है। जहां पार्टी खासतौर पर फोकस कर रही है। इन सभी सीटों पर विस्तारक तैनात किए जा रहे हैं। पढ़िए खास रिपोर्टः

आम चुनाव 2024 को लेकर बीजेपी की तैयारियां बहुत माइक्रो लेवल पर हो रही हैं। पार्टी ने हाल ही में 144 ऐसी लोकसभा सीटों की पहचान की थी, जहां उसे जीतने के लिए बहुत मेहनत करना पड़ेगी। लेकिन पार्टी ने तमाम अंदरुनी सर्वे के बाद मुश्किल सीटों की संख्या 144 से बढ़ाकर 160 कर दी है। यानी पार्टी को अब और ज्यादा मेहनत करना होगी। इसके लिए पार्टी विस्तारक नियुक्त करने जा रही है, जो हर सीट पर फोकस करेंगे। 

2024 के लिए लोकसभा की सीटों का सबसे बड़ा हिस्सा बिहार में है, जहां वह अपने दम पर चुनाव लड़ने के लिए तैयार है। जेडीयू से अलग होने के बाद बीजेपी को यहां जीत के लिए काफी मेहनत करना पड़ रही है। इन सीटों पर अभियान की अगुआई करने वाले संगठन के नेताओं ने सोमवार को पार्टी अध्यक्ष जे पी नड्डा से मुलाकात की थी और भविष्य के रोड मैप पर चर्चा की। 

सूत्रों के मुताबिक बीजेपी बिहार और तेलंगाना में मुश्किल सीटों पर विस्तारक तैनात करने जा रही है। विस्तारकों को ट्रेनिंग देने के लिए पटना और हैदराबाद में तैयारी जारी है। हर सीट के लिए एक विस्तारक होगा और वही उस लोकसभा सीट का प्रभारी भी होगा। यह सारी व्यवस्था बीजेपी संगठन के समानान्तर होगी। बिहार में तो पार्टी का मजबूत संगठन है लेकिन तेलंगाना में बिहार जैसी स्थिति नहीं है। तेलंगाना में लोकसभा की 17 सीटें और बिहार में 40 सीटें हैं।

बीजेपी ने जिन 160 मुश्किल सीटों को चुना है, इनमें से 2019 लोकसभा चुनाव में अधिकांश सीटें वो हार गई थी। पार्टी का मानना है कि इन मुश्किल सीटों पर स्थानीय सामाजिक और राजनीतिक कारणों की वजहों से चुनौती बड़ी है। इन सीटों में रोहतक और बागपत जैसी सीटें भी शामिल हैं, हालांकि जिन्हें बीजेपी ने 2019 में जीता था। लेकिन अब इन सीटों पर हालात बदल चुके हैं।सूत्रों ने बताया कि बिहार को लेकर विस्तारकों की बैठक 22 दिसंबर को है जबकि हैदराबाद में 28 और 29 दिसंबर को होने की संभावना है। जेपी नड्डा वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए इन बैठकों को संबोधित कर सकते हैं।

2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी और जेडीयू ने बिहार में 17 सीटों पर चुनाव लड़ा था। बीजेपी ने उन सभी में जीत हासिल की थी, जहां से उसने प्रत्याशी खड़े किए, जेडीयू भी एक लोकसभा क्षेत्र को छोड़कर सभी में विजयी हुई थी। शेष छह सीटों पर बीजेपी की एक अन्य सहयोगी लोक जनशक्ति पार्टी ने जीत हासिल की, जिसका नेतृत्व उस समय रामविलास पासवान कर रहे थे। बिहार पर बीजेपी की बैठक में विधानसभा की 90 सीटों पर ध्यान केंद्रित करने की उम्मीद है, तेलंगाना विधानसभा की 70 सीटों पर हैदराबाद विस्तारक ट्रेनिंग के एजेंडे में होंगी।

बीजेपी सूत्रों ने बताया कि महासचिव विनोद तावड़े, और सुनील बंसल सहित प्रमुख संगठनात्मक नेता, विस्तारक कार्यक्रम की निगरानी करने वाले बीजेपी पदाधिकारियों में शामिल हैं। इन ट्रेनिंग कार्यक्रमों में पार्टी महासचिव (संगठन) बी एल संतोष भी पहुंच सकते हैं।

बीजेपी सूत्रों ने कहा कि पार्टी इन 160 मुश्किल सीटों पर अपनी संगठनात्मक मशीनरी का विस्तार करने और मतदाताओं तक पहुंच बढ़ाने के लिए काम कर रही है। इस ट्रेनिंग के दौरान बड़ी संख्या में केंद्रीय मंत्रियों को लेकर भी प्रोग्राम तैयार किया गया है। जिनके दौरे उन लोकसभा क्षेत्रों में कराए जा सकते हैं। पार्टी के शीर्ष पदाधिकारी नियमित रूप से ऐसे लोकसभा क्षेत्रों की समीक्षा कर रहे हैं।

बीजेपी ने 2019 के चुनावों में भी मुश्किल सीटों की एक सूची तैयार की थी और उनमें से बड़ी संख्या में जीत भी हासिल की थी। 2014 में 282 के मुकाबले 2019 में बीजेपी ने 303 सीटें जीतीं थीं। लोकसभा में कुल 543 सीटें हैं।

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