इन्हीं नतीजों पर बिछेगी 2019 चुनावों की बिसात
पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों के वोटों की गिनती थोड़ी देर में शुरू हो जाएगी। इन चुनावों के दूरगामी नतीजे हो सकते हैं। कुछ महीनों में होने वाले आम चुनाव पर इसका असर पड़ना तय है। हालांकि राज्यों के मुद्दे अलग-अलग होते हैं और लोकसभा चुनावों के मुद्दे बिल्कुल अलग। पर इन नतीजों से यह तो साफ़ हो ही जाएगा कि जनता का मूड क्या है। क्या इन राज्यों की जनता भारतीय जनता पार्टी और ख़ास कर उसके सबसे बड़े नेता नरेंद्र मोदी का जादू बरक़रार है या विपक्षी कांग्रेस को एक मौका दिए जाने के बारे में लोग सोच रहे हैं।
8 बजे गिनती शुरू
मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिज़ोरम के चुनावों की मतगणना एक साथ सुबह 8 बजे शुरू हो जाएगी और जल्द ही इसके रुझान भी आने लगेंगे। ये राज्य इसलिए भी महत्वपूर्ण हैं कि हिन्दी पट्टी के अलावा दक्षिण भारत और पूर्वोत्तर के एक-एक राज्य में चुनाव एक तरह से लोगों के बड़े हिस्से का प्रतिनिधित्व करते हैं। वे लोग क्या सोचते हैं, यह अहम है और इससे पूरे देश में एक राय बनेगी।8,500 उम्मीदवार
लगभग 1 लाख 74 हज़ार इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों में 8,500 उम्मीदवारों के भाग्य बंद हैं। ये मशीनें 670 स्ट्रॉन्गरूम में रखी गई है और उनकी सुरक्षा की ज़बरदस्त व्यवस्था की गई है। पांच राज्योंं में कुल 679 विधानसभा सीटों के लिए चुनाव हुए।राजस्थान
राजस्थान की 200 सीटों में से 199 सीटों पर चुनाव हुए। वोटों की गिनती 35 केंद्रों पर होगी और इसके लिए चुनाव आयोग ने 20,000 कर्मचारियों को काम पर लगा रखा है। पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा को कुल 163 सीटें मिलीं थी। इसके अलावा कांग्रेस को 21, बसपा को तीन, एनपीपी को चार, निर्दलीय और अन्य को नौ सीटें मिलीं थी। इस बार एग्ज़िट पोल में कांग्रेस को बहुमत हासिल करता हुआ दिखाया गया है। समझा जाता है कि मौजूदा मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिन्धिया के कामकाज के तौर तरीकों से उनकी ही पार्टी के लोग नाराज़ हैं और उनकी सरकार के ख़िलाफ़ लोगों के मन में गुस्सा है।
इन चुनावों से भविष्य की तस्वीर पूरी नहीं तो थोड़ी ज़रूर साफ़ हो जाएगी। यह पता चल जाएगा कि नरेंद्र मोदी का जादू बरक़रार है, वे अब भी वोट खीच पा रहे है या उनसे लोगों का मोहभंग हो चुका है। बस थोड़ी देर का इंतज़ार है।