2014 के चुनावी आंकड़ों पर एक नज़र
चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनावों की तारीख़ों की घोषणा कर दी है। सात चरणों में मतदान होंगे और वोटों की गिनती 23 मई को होगी। पिछले तीन चुनावों के आंकड़ों पर नज़र डालें तो 2004 में 20 अप्रैल से 10 मई के बीच 4 चरणों में, 2009 में 16 अप्रैल से 13 मई के बीच 5 चरणों में और 2014 में 7 अप्रैल से 12 मई के बीच 9 चरणों में चुनाव हुए थे। 2014 में मतगणना 16 मई को हुई थी और लोकसभा का गठन 3 जून को हुआ था।
देश में लोकसभा की कुल 545 सीटें हैं। इनमें से 131 लोकसभा सीटें आरक्षित हैं। इन 131 सीटों में से अनुसूचित जाति के लिए 84 और अनुसूचित जनजाति के लिए 47 सीटें आरक्षित हैं। किसी भी पार्टी या गठबंधन को सरकार बनाने के लिए कम से कम 272 सीटें चाहिए।
2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को अपने दम पर 282 सीटें मिली थीं लेकिन फिलहाल बीजेपी के लोकसभा में 268 सदस्य हैं। मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस को सिर्फ़ 44 सीटें ही मिली थीं।
2014 के लोकसभा चुनाव बीजेपी को 31.3%, कांग्रेस को 19.5% और अन्य को अन्य 49.2% फ़ीसदी वोट मिले थे।
सीटों पर नज़र डालें तो 2014 के लोकसभा चुनाव में एनडीए को 336, यूपीए को 60 और अन्य को 147 सीटें मिली थीं।
इसी तरह 2014 के लोकसभा चुनाव में एनडीए गठबंधन को 38.5%, यूपीए गठबंधन को 23.4% और अन्य को 38.1% फ़ीसदी वोट मिले थे।
लोकसभा में अभी बीजेपी के 269, कांग्रेस के 45 और अन्य दलों के 209 सांसद हैं, जबकि 22 सीटें खाली हैं।
2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को चुनौती देने के लिए विपक्षी पार्टियों ने एक साल पहले से ही महागठबंधन बनाने की रणनीति शुरू कर दी थी। कई बार ममता बनर्जी, चंद्रबाबू नायडू सहित कई विपक्षी नेताओं ने बीजेपी के ख़िलाफ़ महागठबंधन बनाने की जोरदार वकालत की। लेकिन अभी भी महागठबंधन में कौन-कौन से दल शामिल होंगे, यह पूरी तरह तय नहीं हो पाया है। हालाँकि कई जगहों पर कांग्रेस ने अपनी स्थिति स्पष्ट कर ली है। जबकि, कई जगहों पर बातचीत जारी है। दूसरी ओर बीजेपी भी नए साथियों की तलाश कर रही है।