भारत में मिले ओमिक्रॉन वैरिएंट के दो मामले: स्वास्थ्य मंत्रालय
दुनिया भर में दहशत फैला चुका कोरोना का नया वैरिएंट ओमिक्रॉन भारत भी पहुंच गया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने गुरुवार को कहा है कि कर्नाटक में 2 लोग इस वैरिएंट से संक्रमित पाए गए हैं। इन लोगों की उम्र 66 व 46 साल है। मंत्रालय ने कहा है कि इन दोनों लोगों के संपर्क में आने वालों का पता लगाया गया है और इनके भी कोरोना टेस्ट किए जा रहे हैं। इन दोनों लोगों की पहचान को उजागर नहीं किया गया है।
इनमें से जो 66 साल का शख़्स है, वह 20 नवंबर को भारत आया था और 27 नवंबर को दुबई गया था। इस शख़्स के संपर्क में आए सभी लोगों का कोरोना टेस्ट नेगेटिव आया है।
ओमिक्रॉन वैरिएंट से बचने के लिए भारत सरकार की ओर से नई गाइडलाइंस भी लागू कर दी गई हैं। कोरोना वैरिएंट के ‘ख़तरे’ वाले देशों से आने वाले लोगों को क्वारंटीन किया जा रहा है और उनका कोरोना टेस्ट भी कराया जा रहा है।
सरकार ने 15 दिसंबर से अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को शुरू करने के फ़ैसले को भी वापस ले लिया है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि अभी तक 29 देशों में 373 केस ओमिक्रॉन वैरिएंट के मिले हैं। उन्होंने कहा कि इस वैरिएंट के बारे में कहा जा रहा है कि यह पांच गुना अधिक संक्रमण फैलाने वाला हो सकता है। उन्होंने कहा, "विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इसे वैरिएंट ऑफ़ कंसर्न माना है और इसमें 45 से 52 म्यूटेशन होते हैं और इनमें से 26 से 32 स्पाइक प्रोटीन से संबंधित हैं। स्टडी से यह पता चला है कि यह बहुत तेज़ी से फैलता है।” उन्होंने कहा कि यूरोप के हालात पर भी हमारी नज़र बनी हुई है।
अग्रवाल ने कहा कि आरटी-पीसीआर टेस्ट के जरिये इसका पता लगाया जा सकता है और WHO ने कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करने पर जोर दिया है। अग्रवाल ने कहा कि देश भर में तमाम राज्य सरकारें कोरोना टीकाकरण की रफ़्तार को बढ़ा रही हैं और इसके लिए कई कार्यक्रम चलाए गए हैं।
सबसे पहले इस वैरिएंट का पता दक्षिण अफ्रीका में 24 नवंबर को चला। लेकिन इससे पहले ही यह कम से कम 20 देशों में फैल चुका था। इसका मतलब यह आशंका से कहीं ज़्यादा फैल चुका है और ऐसे हालात में इससे बचने के लिए पूरी दुनिया को बेहद सतर्क रहने की ज़रूरत है। स्कॉटलैंड और पुर्तगाल में भी इस वैरिएंट के मामलों की पहचान की गई है।
बीते कुछ ही दिनों में यह वायरस दक्षिण अफ्रीका से शुरू होकर कई देशों में पहुंच गया है और दुनिया के कई देशों ने इस वैरिएंट से प्रभावित देशों से आने वाली उड़ानों को रोक दिया है। भारत में भी कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने केंद्र सरकार से ऐसे देशों से आने वाली उड़ानों को रोकने की मांग की है।