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विदेश से मेरठ लौटे 13 लोग ग़ायब, ग़लत पते और नंबर दिए 

विदेश से मेरठ लौटे 13 लोग ग़ायब, ग़लत पते और नंबर दिए 

ओमिक्रॉन वैरिएंट के ख़तरे के बीच इस तरह की ख़बरें आना कि विदेशों से आए लोग ग़ायब हो गए हैं, यह चिंता के साथ ही घनघोर लापरवाही की भी बात है। 

ओमिक्रॉन वैरिएंट के ख़तरे के बीच देश में कई जगहों से इस तरह की ख़बरें आ रही हैं कि विदेशों से आए लोग ग़ायब हो गए हैं। इस तरह का एक वाकया उत्तर प्रदेश के मेरठ से भी सामने आया है। 

यहां 13 लोग ऐसे हैं जो बीते दिनों में विदेश से लौटे हैं लेकिन उनका कहीं पता नहीं चल पा रहा है। इन लोगों ने प्रशासन को अपने पते भी ग़लत दिए हैं फिर भी इन्हें खोजने की पूरी कोशिश की जा रही है। 

मेरठ के मुख्य चिकित्सा अधिकारी अखिलेश मोहन ने एएनआई से कहा कि इन लोगों के द्वारा दी गई जानकारी को लोकल ख़ुफिया यूनिट को दिया गया है और कहा गया है कि इनकी तलाश की जाए कि ये कहां हैं। 

हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि ओमिक्रॉन के ख़तरे वाले देशों से आया कोई व्यक्ति भी क्या ग़ायब है। 

उन्होंने कहा कि बीते दिनों 297 लोग विदेश से मेरठ आए हैं और इनमें से 7 लोग ऐसे हैं जो दक्षिण अफ्रीका से लौटे हैं। 

कर्नाटक में ही इस वैरिएंट से संक्रमण के दो मामले सामने आ चुके हैं। इनमें से एक शख़्स अफ्रीका का ही है और वह भारत छोड़कर जा चुका है जबकि दूसरा शख़्स बेंगलुरू का है। 

10 लोग ग़ायब 

लेकिन कम से कम 10 लोग ऐसे हैं, जो बीते दिनों अफ्रीकी देशों से बेंगलुरू आए हैं, लेकिन अब उनका कहीं पता नहीं चल रहा है। यह निश्चित रूप से परेशान करने वाली बात है, क्योंकि ओमिक्रॉन वैरिएंट सबसे पहले अफ्रीका में ही मिला था। इस वैरिएंट के बारे में कहा जा रहा है कि यह बहुत तेज़ी से फ़ैलता है। 

कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. के. सुधाकर ने कहा है कि दक्षिण अफ्रीका में ओमिक्रॉन वायरस मिलने  के बाद वहां से 57 यात्री बेंगलुरू आए। लेकिन बेंगलुरू महानगर पालिका को इनमें से 10 लोगों का पता नहीं चल पाया है। उन्होंने कहा कि इन लोगों के मोबाइल फ़ोन स्विच ऑफ़ हैं और ये लोग अपने दिए गए पते पर भी नहीं मिले हैं। 

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