अर्द्धसैनिक बलों की 100 कंपनियाँ कश्मीर भेजी गईं, बड़ी कार्रवाई की तैयारी
पुलवामा आतंकवादी हमले के बाद बढ़ते तनाव और सामरिक तैयारियों के बीच अर्द्धसैनिक बलों की 100 कंपनियाँ जम्मू-कश्मीर भेजी गई हैं। दूसरी ओर अलगाववादियों के ख़िलाफ़ बड़े पैमाने पर कार्रवाइयाँ की गई हैं, धर-पकड़ हो रही है, कई अलगाववादियों को गिरफ़्तार किया गया है और उनके नेताओं को हिरासत में लिया गया है या नज़रबंद कर दिया गया है।
जैश पर दबाव: जैश के मुख्यालय को क़ब्जे में लिया, पाकिस्तान की पंजाब सरकार का दावा
सरहद के पार: लड़ाई के लिए पाक सेना ने शुरू कीं तैयारियाँ, कहा, अस्पताल तैयार रखें
केंद्र सरकार ने सीआरपीएफ़ की 45, बीएसएफ़ की 35, एसएसबी और आईटीबीपी की 10-10 कंपनियों के जवानों और अफ़सरों को हवाई जहाज़ों से आनन फानन में कश्मीर भेजा है। पुलवामा में हुए आतंकवादी हमले के बाद वहाँ बड़ी तादाद में सैनिक और अर्द्धसैनिक बलों को तैनात किया गया है। समझा जाता है कि यह किसी बड़ी और निर्णायक कार्रवाई की तैयारी है।
जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के नेता यासीन मलिक को उनके श्रीनगर स्थित आवास से हिरासत में ले लिया गया है। राज्य पुलिस ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा है कि मलिक को कोठी बाथ पुलिस स्टेशन में रखा गया है।
यासीन मलिक अलगाववादियों के उस शीर्ष उस संगठन में हैं, जिसमें हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के सैयद अहमत शाह गिलानी और मीरवाइज़ उमर फ़ारूक़ भी हैं।
जमात-ए-इसलामी के दर्जन भर से अधिक कार्यकर्ताओं को उत्तर, दक्षिण और केंद्रीय कश्मीर से पकड़ा गया है। राज्य पुलिस ने इसकी कोई वजह नहीं बताई है। जमात-ए-इसलामी ने इस कार्रवाई को 'क्षेत्र को और अस्थिर करने के लिए सोची समझी साजिश का हिस्सा' क़रार दिया है।
जमात के जिन लोगों को गिरफ़्तार किया गया है, उनमें इसके प्रमुख अब्दुल हमीद फ़याज, प्रवक्ता जाहिद अली, पूर्व महासचिव ग़ुलाम क़ादिर लोन भी शामिल हैं। राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती ने इस पर प्रतिक्रिया जताते हुए कहा है कि सरकार की यह कार्रवाई समझ से परे है, क्योंकि इससे स्थिति और बदतर ही होगी।
In the past 24 hours, Hurriyat leaders & workers of Jamaat organisation have been arrested. Fail to understand such an arbitrary move which will only precipitate matters in J&K. Under what legal grounds are their arrests justified You can imprison a person but not his ideas.
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) February 23, 2019
नेशनल कॉन्फ्रेंस ने घाटी में चल रही कार्रवाइयों का विरोध करते हुए कहा है कि कश्मीर के लोगों को जगह-जगह निशाना बनाया जा रहा है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनकी सहानुभूति में एक शब्द नही कहा है। पार्टी ने धर-पकड़ का विरोध करते हुए कहा है कि सूबे में राजनीतिक लड़ाई जारी रखेगी। लेकिन, नेशनल कॉन्फ्रेंस के यह कहने के बाद राजस्थान की एक रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कश्मीरियों के साथ कुछ घटनाएँ हुईं, जो नहीं होनी चहिए थी।
Ali Mohammad Sagar, National Conference: We're protesting against targeting of Kashmir businessmen & students in different parts of the country. No word of sympathy was given by the PM Modi. Everyone should fight politically, in this regard we are against crackdown & gherao. pic.twitter.com/dGrpLTT27F
— ANI (@ANI) February 23, 2019
सरकार की कार्रवाइयाँ कई कारणों से महत्वपूर्ण हैं और कई तरह के अहम संकेत देती हैं। ये धर-पकड़ ऐसे समय हो रही हैं जब ख़ुफ़िया एजंसियों ने कहा है कि पाकिस्तान स्थित आतंकवादी गुट जैश-ए-मुहम्मद पुलवामा से भी बड़ी वारदात को अंजाम देने की कोशिश में है। पूरी घाटी में तनाव है, केंद्रीय बलों को जगह-जगह तैनात किया जा रहा है।