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महाराष्ट्र : सिविल अस्पताल में आग, 10 रोगी मरे

महाराष्ट्र : सिविल अस्पताल में आग, 10 रोगी मरे

महाराष्ट्र के अहमदनगर ज़िला सिविक अस्पताल में आग लगने से 10 रोगी मर गए, सरकार ने दिया जाँच का आदेश।

महाराष्ट्र के अहमदनगर ज़िला स्थित सरकारी अस्पताल में आग लगने से 10 रोगियों की मौत हो गई और एक रोगी बुरी तरह ज़ख़्मी हो गया है। 

इस अस्पताल के इन्टेंसिव केअर यूनिट (आईसीयू) में आग लगी, उस समय वहाँ 17 रोगी थे। बाकी रोगियों को दूसरे वार्ड में भेज दिया गया है। इसे कोरोना अस्पताल बना दिया गया था।

आग लगने के कारणों की पुष्टि नहीं हो पाई है, पर समझा जाता है कि शॉर्ट सर्किट होने की वजह से आग लगी। 

जाँच का आदेश

ज़िला कलक्टर डॉक्टर राजेंद्र भोंसले ने 'एनडीटीवी' से आग लगने की पुष्टि करते हुए कहा कि आग की आॉडिट करने यानी इसका पता लगाने का आदेश दिया जा चुका है। 

'एनडीटीवी' ने कहा है कि विजुअल्स में देखा जा सकता है कि अस्पताल के निचले तल्ले से धुआँ उठता हुआ नज़र आता है। एक दूसरे विजुअल में दिखता है कि आग बुझाए जाने के बाद कुछ लोग वार्ड में घुस रहे हैं, दीवालों पर कालिख और छत के टूटे हुए शीशे भी इसमें दिख रहे हैं। 

एक दूसरे विजुअल में दिखता है कि डॉक्टर आग में फँसे कुछ रोगियों को बचाने की कोशिश कर रहे हैं, जिन्हें वहाँ से सुरक्षित निकाल लिया गया, उन्हें एक आंगन में पड़ा हुआ भी दिख रहा है। 

 - Satya Hindi

क्या कहना है सरकार का?

महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक ने कहा कि 'कोरोना के मद्देनज़र यह आईसीयू वार्ड बनाया गया था, और यह बेहद गंभीर बात है कि इसमें आग लग गई।' उन्होंने यह भी कहा कि 'महाराष्ट्र के सभी अस्पतालों से फ़ायर ऑडिट कराने को कहा गया है।' 

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मृतकों के प्रति संवेदना जताई है और उनके परिजनों को हर मुमकिन मदद करने का भरोसा दिया है।

'पीड़ितों को मुआवजा मिले'

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता व अहमदनगर के विधायक संग्राम जगताप ने इस वारदात पर दुख जताते हुए कहा है कि दोषियों को कड़ी सज़ा मिलनी चाहिए और पीड़ितों के परिजनों को मुआवजा मिलना चाहिए। 

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अहमदनगर में आग की घटना पर दुख जताया है। 

बता दें कि इसके पहले गुजरात के अहमदाबाद में कोरोना के इलाज वाले एक निजी अस्पताल में आग लगने से 8 लोगों की मौत हो गई थी। 

यह हादसा अहमदाबाद के नवरंगपुरा क्षेत्र में श्रेय हॉस्पिटल में हुआ था। हादसे के बाद क़रीब 40 मरीज़ों को सुरक्षित बाहर निकाला गया और सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

अस्पताल में आग!

इसी तरह आँध्र प्रदेश के विजयवाड़ा में एक होटल में आग लग गई थी। एक निजी अस्पताल द्वारा इस होटल को कोविड केयर के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा था। हादसे में 10 लोगों की मौत हो गई थी।

इसके पहले गुजरात के भरूच में एक अस्पताल में आग लगने से कोरोना के 18 रोगियों की मौत हो गई थी।

महाराष्ट्र के पालघर ज़िले के वसाई के एक कोविड सेंटर में आग लगने से 14 मरीज़ों की मौत हो गई थी। 

इसके दो दिन पहले महाराष्ट्र में ही एक बड़े हादसे में 24 कोरोना मरीज़ों की मौत हो गई थी। ये सभी वेंटिलेटर पर थे। घटना महाराष्ट्र के नासिक के ज़ाकिर हुसैन अस्पताल में हुई थी। टैंकर से ऑक्सीज़न रिफिलिंग के दौरान अस्पताल में ऑक्सीजन सप्लाई बाधित हो जाने की वजह से मरीज़ों की जानें गई थीं। 

महाराष्ट्र के ठाणे ज़िले के एक अस्पताल में रात आग लगने से चार मरीजों की मौत हो गई थी। मुम्ब्रा के प्राइम क्रिटिकेअर नामक निजी अस्पताल में रात के लगभग तीन बजे आग लग गई, तमाम कोशिशों के बाबवजूद चार रोगियों को नहीं बचाया जा सका था। 

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